Chamunda Chalisa – Shree Chamunda Maa Chalisa in Hindi – चामुंडा चालीसा
Shree Chamunda Maa Chalisa
Tamil Hanuman chalisa ரசன: துலஸீ தாஸ்தோஹா ஶ்ரீ குரு சரண ஸரோஜ ரஜ னிஜமன முகுர ஸுதாரி | வரணௌ ரகுவர விமலயஶ ஜோ தாயக பலசாரி || புத்திஹீன தனுஜானிகை ஸுமிரௌ பவன குமார | பல புத்தி வித்யா தேஹு மோஹி ஹரஹு கலேஶ விகார் || த்யானம் கோஷ்பதீக்றுத வாராஶிம் மஶகீக்றுத ராக்ஷஸம் | ராமாயண மஹாமாலா ரத்னம் வம்தே அனிலாத்மஜம் || யத்ர யத்ர ரகுனாத கீர்தனம் தத்ர தத்ர…
मां दुर्गा के 108 नाम: पांच मिनट की साधना दिखाएगी कमाल हिंदू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति स्वरूपा माना गया है। मां दुर्गा की आराधना जीवन में आने वाली हर परेशानी से आपका बचाव करती हैं। नवरात्र में शक्ति की देवी मां दुर्गा की उपासना का विशेष महत्व होता है। इस बार शारदीय नवरात्र…
Shree Jaharveer Goga ji ki Chalisa Aarti Shri Jaharveer Goga Ji ki Gogaji (गोगाजी) also known as Gugga is a folk deity of Rajasthan state in India. He is an eminent warrior-hero of the region. Hindus and Muslims alike honor him. He is also venerated as a saint and even as ‘snake-god’. He is known…
Benefits of Hanuman Chalisa 1 Hanuman Chalisa was composed by legendary poet Tulsidas who was also an ardent devotee of Lord Rama. It has 40 poetic verses, hence the name ‘Chalisa.’ It is widely believed that Hanuman Chalisa has some sort of clandestine divinity associated with it. Anybody can recite the godly 40 verses, irrespective…
।।दौहा।।
चित्त में बसो चिंतपूर्णी, छिन्नमस्तिका मात ।
सात बहनों में लाड़ली,हो जग में विख्यात ।।
माईदास पर की कृपा, रूप दिखाया श्याम ।
सबकी हो वरदायनी, शक्ति तुम्हें प्रणाम ।।
॥चौपाई॥
छिन्नमस्तिका मात भवानी। कलिकाल में शुभ कल्याणी ।।
सती आपको अंश दियो है। चिंतपूर्णी नाम कियो है ॥
चरणों की लीला है न्यारी। जिनको पूजे हर नर नारी ॥
देवी-देवता हैं नत मस्तक। चैन ना पाए भजे ना जब तक ॥
शांत रूप सदा मुस्काता। जिसे देखकर आनंद आता ॥
एक ओर कालेश्वर साजे । दूजी ओर शिवबाडी विराजे ॥
तीसरी ओर नारायण देव। चौथी ओर मचकुंद महादेव ॥
लक्ष्मी नारायण संग विराजे। दस अवतार उन्हीं में साजे ।।
तीनों द्वार भवन के अंदर। बैठे ब्रह्मा विष्णु ,शंकर ॥
काली, लक्ष्मी, सरस्वती मां। सत, रज ,तम से व्याप्त हुई मां ॥
हनुमान योद्धा बलकारी। मार रहे भैरव किलकारी ॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावें। मृदंग छैने महंत बजावें ॥
भवन के नीचे बाबड़ी सुंदर। जिसमें जल बहता है झरझर ॥
संत आरती करें तुम्हारी। तुमने सदा पूजते हैं नर नारी।।
पास है जिसके बाग निराला। जहां है पुष्पों की वनमाला ॥
कंठ आपके माला विराजे। सुहा सुहा चोला अंग साजे ।।
सिंह यहां संध्या को आता। शुभ चरणों में शीश नवाता ॥
निकट आपके जो भी आवे। पिंडी रूप दर्शन पावे ॥
रणजीत सिंह महाराज बनाया। तुम्हें स्वर्ण का छत्र चढ़ाया ॥
भाव तुम्हीं से भक्ति पाया। पटियाला मंदिर बनवाया ।।
माईदास पर कृपा करके। आई भरवई पास विचर के ॥
अठूर क्षेत्र मुगलों ने घेरा। पिता माईदास ने टेरा ।।
अम्ब क्षेत्र के पास में आए। तीन पुत्र कृपा से पाये।।
वंश माई ने फिर पुजवाया। माईदास को भक्त बनाया।।
सौ घर उसके हैं अपनाए । सेवा में जो तुमरी आए ।
चार आरती हैं मंगलमय प्रातः मध्य संध्या रातम्य ॥
पान ध्वजा नारियल लाऊं। हलवे चने का भोग लगाऊं ॥
असौज चैत्र में मेला लगता। अष्टमी सावन में भी भरता ॥
छत्र व चुन्नी शीश चढ़ाऊं। माला लेकर तुमको ध्याऊं ॥
मुझको मात विपद ने घेरा। मोहमाया ने डाला फेरा ॥
ज्वालामुखी से तेज हो पातीं। नगरकोट से भी बल पातीं ॥
नयना देवी तुम्हें देखकर ।मुस्काती हैं प्रेम में भरकर ॥
अभिलाषा मां पूरण कर दो। हे चिंतापूर्णी झोली भर दो ॥
ममता वाली पलक दिखा दो। काम क्रोध मद लोभ हटा दो।
सुख दुःख तो जीवन में आते। तेरी दया से दुख मिट जाते ॥
तुमको कहते चिंता हरणी । भय नाशक तुम हो भय हरणी ॥
हर बाधा को आप ही टालो। इस बालक को गले लगा लो ॥
तुम्हरा आशीर्वाद मिले जब। सुख की कलियां आप खिलें सब।।
कहां तक दुर्गे महिमा गाऊं। द्वार खड़ा ही विनय सुनाऊं ॥
चिंतपूर्णी मां मुझे अपनाओ। भव से नैया पार लगाओ। ॥
॥ दोहा ॥
चरण आपके छू रहा हूं, चिंतपूर्णी मात।
चरणामृत दे दीजिए हो ,जग में विख्यात ।।
एक अपनी हिंदी है, जो इतनी सेकुलर हो चली है कि अगर आज कोई हिंदी वाला ‘हनुमान’ का नाम लेता, तो कम्युनल कहलाता। साहित्यिक बिरादरी से उसका तुरंत बायकॉट हो जाता। धिक्कारा जाता। शापग्रस्त होता। रूढ़िवादी माना जाता। उसका अब तक का लिखा हुआ कूड़ा हो जाता। पतित कहलाता। उसे इतना शर्मिदा किया जाता कि…