Jitante Stotram in Sanskrit
Jitante Stotram in Sanskrit
दत्तदशक स्तोत्र खालील प्रमाणे दिले आहे. मुळ गुजरातीत आहे, तसेच दिले आहे. प्रत्येक ओळीतला प्रथम अक्षर जुळवला, तर “भज रे मना भज रे मना, दत्त दिगंबर भज रे मना” ही भजन धून दिसून येईल. दत्तदशक स्तोत्र – प. पू. श्री रंग अवधूत रचित अथध्यानम: माळा कमंडलु लसे कर नीचलामां डमरु त्रिशूळ वचला करमां विराजे ऊंचा…
हस्तामलक स्तोत्र दक्षिण भारत के श्रीबली नामक गाँव में प्रभाकर नाम के एक विद्वान ब्राह्मण रहते थे। उनका एक पागल सा लड़का था। वह लड़का बचपन से ही सांसारिक कार्यों के प्रति उदासीन वृत्ति रखता था। उसका व्यवहार एक गूंगे और बहले बालक के समान था। एक बार जब शंकराचार्य अपने शिष्योंसहित इस गाँव में…
वाढदिवसाला म्हणावयाची प्रार्थना ……. [ वाचनात आलेली ] चिरंजीवी यथा त्वं भो भविष्यामि तथा मुने ! रुपवान्वित्तवांश्चैव श्रिया युक्तश्च सर्वदा ! १ ! मार्कण्डेय नमस्तेस्तु सप्तकल्पान्तजीवन ! आयुआरोग्यसिध्द्यर्थं प्रसीद भगवन्मुने ! २ ! चिरंजीवी यथा त्वं तु मुनिनां प्रवरो द्विज ! कुरुष्व मुनीशार्दुल तथा मां चिरजीविनम ! ३ ! मार्कण्डेय महाभाग सप्तकल्पान्तजीवन ! आयुआरोग्यसिध्द्यर्थं अस्माकं…
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॥ श्रीहनुमद्वन्दनम् ॥ अञ्जनानन्दनं वीरं जानकीशोकनाशनम् । कपीशमक्षहन्तारं वन्दे लङ्काभयङ्करम् ॥ १ ॥ अञ्जनीगर्भसम्भूत कपीन्द्रसचिवोत्तम । रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनूमन् रक्ष सर्वदा ॥ २ ॥ अतुलितबलधामं स्वर्णशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् । सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ॥ ३ ॥ अपराजित पिङ्गाक्ष नमस्ते राजपूजित । दीने मयि दयां कृत्वा मम दुःखं विनाशय ॥ ४ ॥ अशेषलङ्कापतिसैन्यहन्ता श्रीरामसेवाचरणैककर्ता ।…