Need help – stuck after installing opencart
Questions:
Hi, I am really a newb to opencart CMS. I installed opencart according to the instruction given in the opencart installation documentation. I visit the url – yourdomain.com/admin and fill my login details. Then I get the “upgrade” page with the following instructions. There are two options on the right corner – upgrade and finished.
When I login am on the upgrade page though I have installed the latest version of opencart –
Follow these steps carefully!
Post any upgrade script errors problems in the forums
After upgrade, clear any cookies in your browser to avoid getting token errors.
Load the admin page & press Ctrl+F5 twice to force the browser to update the css changes.
Goto Admin -> Users -> User Groups and Edit the Top Adminstrator group. Check All boxes.
Goto Admin and Edit the main System Settings. Update all fields and click save, even if nothing changed.
Load the store front & press Ctrl+F5 twice to force the browser to update the css changes.
Then I click the continue button at the bottom and it goes to “Finished” where I can get two options either to go to admin dashboard and other to front ” online shop’ , then I click on admin dashboard or ” Login to your Administration” option and
I am being redirected to upgrade page. Please help what’s the problem as I am not able to login to the admin dashboard.
Please help.
Thanks
Answer:
Just for kicks try going instead to the store, then clearing all of your cookies, then going back at the admin log-in screen. Presumably the installer will see that you exited.
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किस माह में हुआ है आपके बच्चे का जन्म, इससे जानिए उसके बारे में रोचक बातें
किस माह में हुआ है आपके बच्चे का जन्म, इससे जानिए उसके बारे में रोचक बातें
बर्थ मंथ के रहस्य
पैरेंट्स अपने बच्चों के बारे में जानने के लिए हरदम इच्छुक होते हैं। उन्हें क्या पसंद है, क्या नहीं, किस तरह से उनकी सही परवरिश हो, इन बातों पर गौर करते रहते हैं। तो चलिए आज हम आपको आपके बच्चे के बारे में रोचक जानकारी देंगे। ये जानकारी उनके जन्म के माह से संबंधित है। विशेषज्ञों ने विभिन्न शोध के बाद यह बताया है कि एक बच्चे का जिस महीने में जन्म होता है, उसका उस पर विशेष प्रभाव पड़ता है। यह महीना उसके स्वभाव को निर्धारित करता है, उसकी पसंद-नापसंद इसी से संचालित होती है। तो देर किस बात की… आगे की स्लाइड्स में जानिए आपके बच्चे का बर्थ मंथ उसके बारे में क्या कहता है।
जनवरी बेबीज
अगर आपके बच्चे का जन्म जनवरी के महीने में हुआ है, तो आपको उसके भविष्य की चिंता करना छोड़ देना चाहिए। क्योंकि ये बच्चे अपने भविष्य को एक सफल आकार देने में सक्षम होते हैं। आप बस देखते रह जाएंगे और ये सफलता की सीढ़ियां चढ़ जाएंगे। जनवरी में जन्मे बच्चे स्मार्ट होते हैं, ये हैंडसम बच्चे कहलाते हैं। अपने भविष्य को लेकर गंभीर होते हैं लेकिन साथ ही स्वभाव से हंसमुख भी होते हैं, मगर थोड़ी ही देर में बोर हो जाते हैं। जनवरी में जन्मे बच्चे जिद्दी और अड़ियल भी होते हैं, अगर कोई काम करना पसंद नहीं करते तो इन्हें मनाना असंभव सी बात है।
फरवरी बेबीज
दिल की सुनते हैं, दिल की करते हैं, किसी के कहे पर नहीं चलते… बस ऐसे ही होते हैं फरवरी में जन्मे बच्चे। ये जैसे हैं, वैसे ही आपके सामने रहेंगे, बनावटी बनना इन्हें आता नहीं, दिल इनका शीशे की तरह साफ होता है और दूसरों से भी ऐसी ही अपेक्षा रखते हैं। नई चीजें सीखने में काफी तेज होते हैं ये बच्चे। इमोशनल होते हैं और कोई भी बात इनके दिल को जल्दी छू जाती है। भावनाओं की बाड़ होती है इनके अंदर, इसलिए तुरंत गुस्सा हो जाते हैं और फिर इन्हें कंट्रोल करना मुश्किल होता है।
मार्च बेबीज
मार्च में जन्मे बच्चों की सबसे बड़ी बात, ये काफी भावात्मक होते हैं। इसलिए इनका इनके अभिभावकों को अधिक ध्यान रखना चाहिए। छोटी-छोटी बातें इनके दिल को छू जाती हैं। रिश्तों से जुड़ी भावनाएं क्या होती हैं, इन्हें ये बचपन में ही सीख जाते हैं। लेकिन स्वभाव की बात करें तो मार्च में जन्मे बच्चे सबको प्यार करने वाले होते हैं। लोग अपने आप इनकी ओर आकर्षित होने लगते हैं। आप इन बच्चों पर आंख बंद करके भरोसा कर सकते हैं, ये दिल के साफ होते हैं और झूठ बोलना इनकी आदत नहीं होती।
अप्रैल बेबीज
निडर होकर जीना, अप्रैल में जन्मे बच्चों की एक खासियत है। जो मन में आ गया, बस वो करके दिखाना है। इनकी इस बात पर कई बार इनके माता-पिता परेशानी में आ जाते हैं। ये बच्चे एक जगह शांति से नहीं बैठते, हर समय हरकत में रहना इनकी आदत होती है।
लेकिन अप्रैल में जन्मे बच्चे स्वभाव के निराले होते हैं, अगर समझाया जाए, तो बात जल्दी समझ जाते हैं। भरोसे के लायक होते हैं, शरारती होते हैं लेकिन शांतिपूर्वक बात मान भी जाते हैं। ये बच्चे सकारात्म्क मानसिकता वाले होते हैं और यही कारण है कि ये जीवन में सफल बनते हैं।
मई बेबीज
इन बच्चों की चिंता माता-पिता को छोड़ देनी चाहिए, क्योंकि ये अपना ही नहीं, दूसरों का ख्याल रखना भी जानते हैं। भावनात्मक, संवेदनशील एवं साथ ही भरोसेमंद होते हैं ये बच्चे। लेकिन इसके चलते इन्हें बोरिंग ना समझें, इन्हें धूमना-फिरना, मौज-मस्ती करना बेहद पसंद है। संगीत और नाच-गाना, दोनों का शौक रखते हैं ये बच्चे। दूसरों का आकर्षण खींच सकते हैं और उनके लिए आकर्षण का केंद्र बने रहना भी इन्हें पसंद है। स्वभाव के जिद्दी होते हैं, जब अपनी जिद्द पर आ जाएं तो फिर किसी की नहीं सुनते।
जून बेबीज
बहुत बोलते हैं ये बच्चे और दिमाग तो इनका घोड़े की तरह दौड़ता है। अगर आप इन्हें मौका दें, तो ये अपने शब्दों से किसी का भी दिल जीत सकते हैं। बड़े होकर ऐसे ही बच्चे बेस्ट सेल्समैन एवं प्रवक्ता बन सकते हैं। एक ही समय पर कई काम कर सकते हैं और जल्दी बोर भी नहीं होते। दोस्त बनाना, उनसे गपशप करते रहना इन्हें पसंद है। दुनिया की सैर करना इन्हें पसंद है। ये हरपल लोगों का मनोरंजन करने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन अगर ये किसी काम से बोर हो रहे हैं तो इनकी बोरियत गुस्से में तब्दील होकर दिखाई देती है।
जुलाई बेबीज
क्या आपने अपने आस-पड़ोस में ऐसे बच्चे देखे हैं जो राह चलते बच्चों को दोस्त बना लेते हैं, गली में घूम रहे जानवरों को उठाकर घर ले आते हैं, उन्हें पालने का विचार बना लेते हैं। जुलाई में जन्मे बच्चे बस ऐसे ही होते हैं। इन्हें जानवरों से बेहर प्यार होता है। अगर जानवर ना मिलें, तो गुड्डे-गुड़ियों से अपना दिल बहला लेते हैं। लेकिन इनके व्यवहार की बात करें तो मन के सच्चे होते हैं। इन्हें बड़ों का खूब प्यार मिलता है। अधिक नहीं बोलते, लेकिन संगत अपने अनुसार मिलने पर इनकी शरारती हरकतें सामने आने लगती हैं।
अगस्त बेबीज
खुद को किसी राजा-महाराज की संतान समझते हैं ये बच्चे। ये इनका निगेटिव नहीं, पॉजिटिव प्वाइंट ही है। इन बच्चों को कम चीजों में गुजारा करना नहीं पसंद। अपने अनुसार वातावरण पसंद करते हैं। जिद्दी होते हैं और चाहते हैं कि लोग इनकी ही सुनें। अगर इनकी तारीफ करो तो बेहद खुश होते हैं। ऐसे लोगों के साथ ही इनकी अधिक बनती है जो इन्हें पसंद करते हैं। ये बच्चे तेज होते हैं, जल्दी चीजें समझते हैं और अच्छा रिजल्ट देते हैं। जहां दिमाग अधिक लगता है, उन एक्टिविटीज में ज्यादा रुचि लेते हैं।
सितंबर बेबीज
ये हैं परफेक्ट बच्चे… जी हां अगर आपके बच्चे को जन्म सितंबर के महीने का है तो यह मान लीजिए कि आपका बच्चा हर रूप से सर्वश्रेष्ठ है। अपनी चीजों को खुद समेटना, उनका ध्यान रखना, इन बच्चों के खिलौने कभी आप बाहर बिखरे नहीं देखेंगे। सबसे अच्छे-से बात करना, पढ़ाई में भी अच्छे होते हैं ये बच्चे। इनका दिमाग बहुत तेजी से चलता है। हर काम में आगे रहते हैं, फिर वह स्कूल की कोई एक्टिविटी हो या फिर घर का ही कोई काम। आकर्षक, प्यारे लेकिन कभी-कभी जिद्दी भी होते हैं ये बच्चे।
अक्टूबर बेबीज
अगर आपके बच्चे का जन्म अक्टूबर महीने का है, तो आप भाग्यशाली पैरेंट्स हैं। ये समझदार बच्चे होते हैं, इनकी बोली मीठी होती है और ये आसानी से हर किसी को आकर्षित कर लेते हैं। ये बच्चे बड़े होकर कलाकार बनते हैं। बातें करना इन्हें पसंद हैं, आप इनके माता-पिता हैं तो ये आपसे हर पल बातें करने के लिए उत्सुक रहते होंगे। अपने सपनों में खोए रहते हैं, इन्हें कोई भी बात जल्दी चुभ जाती है, जल्दी भावुक हो जाते हैं।
नवंबर बेबीज
अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करना है, ये इनसे बेहतर कोई नहीं जानता। अगर आपके बच्चे का जन्म नवंबर महीने का है, तो आपका बच्चा वाकई तेज-तर्रार है। अगर एक बार इनके दिमाग में कोई लक्ष्य बैठा दिया जाए, तो ये उसे जीत कर ही चैन की सांस लेते हैं। भरोसेमंद और हर किसी के अच्छे दोस्त बनते हैं। दिल के साफ होते हैं ये बच्चे। सबको प्यार से बुलाते हैं, तहज़ीब से बात करते हैं। ऐसे बच्चे बड़े होकर अच्छे पार्टनर सिद्ध होते हैं। इन्हें आप भविष्य में एक रोमांटिक पार्टनर के रूप में देख पाएंगे।
दिसंबर बेबीज
नवंबर बेबीज की तरह ही, दिसंबर में जन्म वाले लोग भी अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर रहते हैं। उत्साह, उमंग और खुशहाली से भरे होते हैं ये बच्चे। इन्हें ‘सच्चाई’ पसंद है और उसे दुनिया के सामने लाने के लिए कुछ भी कर जाएंगे। ये सच्चे देशभक्त बनते हैं, संस्कारों और रीति-रिवाजों में विश्वास रखने वाले होते हैं। ये बच्चे भावुक होते हैं, छोटी-छोटी बातें दिल को लगा लेते हैं। लेकिन समझाने पर उस जख़्म को आसानी से भर भी लेते हैं।
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जानिए क्या है माथे पर तिलक धारण करने का सही नियम
1 परंपराएं
हिन्दू धर्म में कुछ ऐसी परंपराएं हैं जिनका महत्व तो बहुत है, लेकिन समय के साथ-साथ वह धूमिल पड़ती जा रही हैं।
2 आधुनिकता और चकाचौंध
सिर पर चोटी रखना, पांव में बिछिया पहनना, कान छिदवाना आदि। लेकिन जैसे-जैसे हम आधुनिकता और चकाचौंध की तरफ बढ़ रहे हैं ये सभी परंपराएं पीछे छूटती जा रही हैं।
3 तिलक धारण करना
इन्हीं परंपराओं में से एक है माथे पर तिलक धारण करना, जिसे एक समय पहले तक धार्मिक तौर पर बहुत जरूरी माना जाता था।
4 लाभ
यूं तो आजकल तिलक धारण करना कम ही देखा जाता है, लेकिन इसका लाभ बहुत अधिक है बशर्ते सही तरीके से नियमानुसार धारण किया हो तो।
5 12 स्थानों पर तिलक
हिन्दू परंपराओं में सिर, मस्तक, गले, हृदय, दोनों बाजू, नाभि, पीठ, दोनों बगल आदि मिलाकर शरीर के कुल 12 स्थानों पर तिलक लगाने का विधान है।
6 शास्त्र
हमारे शास्त्रों में जीवन जीने के सही तरीकों का वर्णन किया गया है, संबंधों, शिष्टाचार और परंपराओं को बड़ी बारीकी के साथ उकेरा गया है। चलिए जानते हैं हमारे शास्त्र तिलक लगाने को लेकर क्या कहते हैं।
7 हनुमान जी
जब भी हम मंदिर जाते हैं तो हनुमान जी, देवी मां के चरणों से सिंदूर लेकर माथे पर लगाते हैं। ऐसा करना बहुत लाभदायक है क्योंकि सिंदूर उष्ण होता है।
8 कस्तूरी रंग
शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को अपने माथे पर कस्तूरी रंग की बिंदी अथवा सिंदूर लगाना चाहिए।
9 उत्तर दिशा
शास्त्रों के अनुसार सिंदूर धारण करने से पहले कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए जैसे नहा धोकर वस्त्र धारण करने के पश्चात उत्तर दिशा की ओर मुख करके माथे पर तिलक लगाया जाना चाहिए।
10 संध्या का हवन
ऐसा कहा गया है कि श्वेत चंदन, लाल चंदन, कुमकुम, विल्वपत्र, भस्म, आदि का तिलक करना शुभ है। जो भी व्यक्ति बिना तिलक लगाए भोर या संध्या का हवन करता है उसे इसका फल नहीं प्राप्त होता।
11 मुख्य नियम
तिलक लगाने का एक और मुख्य नियम यह है कि एक ही व्यक्ति या साधक को उर्ध्व पुण्डर और भस्म से त्रिपुंड नहीं लगाना चाहिए।
12 भस्म से त्रिपुंड
चंदन से एक ही साधक को उर्ध्व पुण्डर तथा भस्म से त्रिपुंड नहीं लगाना चाहिए।
13 ललाट बिंदु
माथे के ठीक बीच के हिस्से को ललाट बिंदु कहते हैं, यह भौहों का भी मध्य भाग है। तिलक हमेशा इसी स्थान पर धारण किया जाना चाहिए।
14 भिन्न-भिन्न अंगुलियां
तिलक लगाने के लिए भिन्न-भिन्न अंगुलियां का प्रयोग अलग-अलग फल प्रदान करता है। अगर तिलक अनामिका अंगुली से लगाया जाता है तो इससे शांति मिलती है।
15 मध्यमा अंगुली
मध्यमा अंगुली से तिलक करने पर आयु में बढ़ोत्तरी होती है, इसके अलावा अंगूठे से तिलक करना पुष्टिदायक माना गया है।
16 विष्णु संहिता
विष्णु संहिता में इस बात का उल्लेख है कि किस प्रकार के कार्य में किस अंगुली से तिलक लगाना उचित होता है।
17 वैदिक कार्य
किसी भी तरह के शुभ और वैदिक कार्य में अनामिका अंगुली, पितृ कार्य में मध्यमा, ऋषि कार्य में कनिष्ठिका तथा तांत्रिक क्रियाओं में प्रथम यानि तर्जनी अंगुली का प्रयोग किया जाना चाहिए।
18 विधान
उपरोक्त विधान हिन्दू रीति-रिवाजों से संबंधित हैं, इनका सही पालन जीवन को सहज बना देता है।
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