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ओणम पर्व के बारे में 10 रोचक बातें
दक्षिण भारत में ओणम का प्रसिद्ध त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्र माह की शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है। जबकि मलयालम कैलेंडर के अनुसार चिंगम माह में यह त्योहार मनाया जाता है जो कि प्रथम माह है। खासकर यह त्योहार हस्त नक्षत्र से शुरू होकर श्रवण नक्षत्र तक चलता है। इस बार यह पर्व…
Hindi Nibandh For Class 10 – मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध
मेरे प्रिय शिक्षक: ज्ञान और मार्गदर्शन का प्रकाश शिक्षक, हमारे जीवन में एक अहम भूमिका निभाते हैं। वे हमें ज्ञान प्रदान करते हैं, हमारा मार्गदर्शन करते हैं और हमारे व्यक्तित्व को विकसित करने में मदद करते हैं। वे हमारे जीवन के रास्ते में एक ज्योति की तरह होते हैं, जो हमें सही दिशा दिखाते हैं।…
Do ancient Indians have a lot of knowledge about their own history?
Yes, ancient Indians had a considerable amount of knowledge about their own history, which they passed down through various texts and oral traditions. Indian civilization is one of the oldest in the world, with a rich and diverse history spanning thousands of years. Ancient Indian texts such as the Vedas, the Puranas, and the Mahabharata…
श्री हरसिद्धिदेवी का मंदिर, उज्जैन
श्री हरसिद्धिदेवी का मंदिर उज्जैन के प्राचीन और पवित्र उपासना स्थलों में श्री हरसिद्धिदेवी देवी के मंदिर का विशेष स्थान है। स्कंद पुराण में वर्णन है कि शिवजी के कहने पर मां भगवती ने दुष्ट दानवों का वध किया था अत: तब से ही उनका नाम हरसिद्धि नाम से प्रसिद्ध हुआ। शिवपुराण के अनुसार सती की…
Marathi Story on Holy Pilgrimage
एके दिवशी आश्रमातील सर्व शिष्य आपल्या गुरूकडे गेले आणि म्हणाले,गुरूजी,आम्ही सर्वजण तीर्थयात्रेला जाणार आहोत.. गुरु :-तुम्ही तीर्थयात्रेला का जाऊ इच्छिता? शिष्य :-आमच्या भक्तीमध्ये प्रगती व्हावी यासाठी. गुरु :-ठीक आहे मग जातांना माझ्यासाठी एक काम करा, हे कारले तुमच्या बरोबर न्या. जेथे जेथे ज्या ज्या मंदिरात जाल तेथील देवाच्या पाया पाशी ठेवा, देवाचा आशिर्वाद घ्या आणि…
Pandit Birju Maharaj Nibandh in Sanskrit – Essay in Sanskrit – संस्कृत भाषा निबंध
” ब्रजमोहन-मिश्र: ( बिरजू महाराज:) फरवरी मासस्य चतुर्दिनांके 1938 तमे वर्षे उत्तरप्रदेशस्य लखनऊ-नगरे जात: अयं भारतस्य प्रसिद्ध: शास्त्रीय-कत्थक-नर्तक: तथा च संगीतकार: आसीत्। एतां विलक्षण-प्रतिभां स: स्वपितु: एव प्राप्तवान्। तस्य पिता अच्छन: महाराज: राजगढ़-रजवाढे दरबारी-नर्तक: आसीत्। तस्य भ्रातृज-द्वयम् आसीत् – लच्छू-महाराज: तथा च शंभु: महाराज:। स: ताभ्याम् एव संगीतस्य आरंभिक-प्रशिक्षणं प्राप्तवान्। यदा स: केवलं नव-वर्षीय: आसीत्…
What is meant by ‘intolerance’- minorities’s liberty to do anything, to hurt the sentiments and feelings of the ‘majority’ or lack of appeasement?