कालियादेह महल

श्रीराम-जनार्दन मंदिर उज्जैन स्थि‍त श्रीराम-जनार्दन मंदिर भी दर्शनीय एवं ऐतिहासिक महत्व से परिपूर्ण है। इसका निर्माण राजा जयसिंह द्वारा किया गया है। यह मंदिर प्राचीन विष्णुसागर के तट पर स्थित है। इस मंदिर में 11वीं शताब्दी में बनी शेषशायी विष्णु की तथा 10वीं शताब्दी में निर्मित गोवर्धनधारी कृष्ण की प्रतिमाएं भी लगी हैं। यहां पर…

श्री गोपाल मंदिर, उज्जैन

श्री गोपाल मंदिर  इस मंदिर का निर्माण महाराजा श्री दौलतरावजी सिंधिया की महारानी बायजाबाई द्वारा लगभग 250 वर्ष पहले कराया गया था। नगर के मध्य स्थित इस मंदिर में द्वारकाधीश की अत्यंत मनोहारी मूर्ति है। मंदिर के गर्भगृह में लगा रत्नजड़ित द्वार श्रीमंत सिंधिया ने गजनी से प्राप्त किया था, जो सोमनाथ मंदिर की लूट…

|

श्री हरसिद्धिदेवी का मंदिर, उज्जैन

श्री हरसिद्धिदेवी का मंदिर उज्जैन के प्राचीन और ‍पवित्र उपासना स्थलों में श्री हरसिद्धिदेवी देवी के मंदिर का विशेष स्थान है। स्कंद पुराण में वर्णन है कि शिवजी के कहने पर मां भगवती ने दुष्ट दानवों का वध किया था अत: तब से ही उनका नाम हरसिद्धि नाम से प्रसिद्ध हुआ। शिवपुराण के अनुसार सती की…

श्री बड़े गणपतिजी का मंदिर, उज्जैन

श्री बड़े गणपतिजी का मंदिर श्री महाकालेश्वर मंदिर के पीछे तथा प्रवचन हॉल के सामने श्री गणेशजी की विशालकाल एवं अत्यंत आकर्षक मूर्ति प्रतिस्थापित है। इस मंदिर का निर्माण 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में महर्षि सांदीपनि के वंशज एवं विख्यात ज्योतिषविद् स्व. पं. नारायणजी व्यास द्वारा करवाया गया था। यह स्थान स्व. व्यासजी का उपासना स्थल…

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग आकाशे तारकं लिंगं, पाताले हाटकेश्वरम्। मृत्युलोके च महाकालौ: लिंगत्रय नमोस्तुते।। अर्थात् ब्रह्मांड में सर्वपूज्य माने गए तीनों लिंगों में भूलोक में स्‍थित भगवान महाकाल प्रधान हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में इनकी गणना होती है। उज्जैन के प्रथम और शाश्वत शासक भी महाराजाधिराज श्री महाकाल ही हैं, तभी तो उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा…

Story of Sri Lakshmana from Ramayan – A great Devotee of Ram

लक्ष्मण जी के त्याग की अदभुत कथा । एक अनजाने सत्य से परिचय— -हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है।लक्ष्मणजी की भक्ति भी अद्भुत थी. लक्ष्मणजी की कथा के बिना श्री रामकथा पूर्ण नहीं है अगस्त्य मुनि अयोध्या आए और लंका युद्ध का प्रसंग छिड़ गया -भगवान श्रीराम ने बताया…

तमाचे की करामात

मुंबई के नजदीक गणेशपुरी है। गणेशपुरी, वज्रेश्वरी में नाना औलिया नाम के एक महापुरुष रहा करते थे। वे मुक्तानंदजी के आश्रम के नजदीक की सड़क पर मैले कुचैले कपड़े पहने पड़े रहते थे अपनी निजानंद की मस्ती में। वे दिखने में तो सादे-सूदे थे पर बड़ी ऊँची पहुँच के धनी थे। उस समय घोड़ागाड़ी चलती…

These 10 tendencies make you like dead

  ये 10 वृत्तियां बना देती हैं आपको मृत समान   1. मनुष्य जीवन नियमों के पालन से सुखी तथा सरल बन जाता है। जो व्यक्ति नियम के पालन में होने वाले आरम्भिक कष्ट पर विजय प्राप्त करके उन्हें साधना में परिवर्तित कर लेते हैं वो जीवन भर आनन्द का अनुभव करते हैं।   2….

Naga sadhus flock to Nashik ahead of the first shahi snaan

  The Peshwai rally of the Anand Akhada took place amidst much fervour at Trimbakeshwar recently . Naga sadhus clad in loincloths, garlands and rudraksh beads with bhasma smeared over their bodies walked in the rally . For many onlookers, this was their first time watching the dumru and trishul-carrying sadhus walking on the streets….