Gajendra Moksha Stotra in Sanskrit
Gajendra Moksha Stotra in Sanskrit
Sankat Nashan Ganesh Stotra benefits in hindi ज्ञान का संवर्धन और बुद्धि को तीव्र करने के लिए गणपति स्तोत्र का पाठ किया जाता है | यह स्तोत्र ८ श्लोकों का बहोतही छोटा स्तोत्र है | १२ साल उम्र के नीचे वाले छोटे बच्चों ने हर साल कम से कम इक्कीस सौ (२१००) पाठ करने चाहिए…
Written centuries ago, this great text of Advaita Vedanta continues to inspire earnest seekers with the indescribable knowledge of Brahman.
. पुष्पवाटिका-निरीक्षण, सीताजी का प्रथम दर्शन, श्री सीता-रामजी का परस्पर दर्शन दोहा : * उठे लखनु निसि बिगत सुनि अरुनसिखा धुनि कान। गुर तें पहिलेहिं जगतपति जागे रामु सुजान॥226॥ भावार्थ:-रात बीतने पर, मुर्गे का शब्द कानों से सुनकर लक्ष्मणजी उठे। जगत के स्वामी सुजान श्री रामचन्द्रजी भी गुरु से पहले ही जाग गए॥226॥ चौपाई :…
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श्रीदत्तचम्पूः प. प. श्रीवासुदेवानन्दसरस्वती स्वामीमहाराजांनी श्रीदत्तचम्पू ह्या काव्याची रचना कयाधू नदीच्या कांठीं नरसी (महाराष्ट्र) येथे शके १८२७ (इ.स. १९०५) च्या त्यांच्या १५व्या चातुर्मासांत केली. चम्पू म्हणजेच गद्यपद्यात्मक काव्य. विविध शब्दालंकार व अर्थालंकारांनी म्हणजेच चमत्कृतींनीं नटलेलें (चं) व ग्राहकाला दत्तभक्तीने पुनीत करणारें (पू) काव्य म्हणूनही याला दत्तचम्पू असे अन्वर्थक अभिधान दिले असावे. या काव्यावर प.प. श्रीस्वामीमहाराजांची…
निषेवते प्रशस्तानी निन्दितानी न सेवते । अनास्तिकः श्रद्धान एतत् पण्डितलक्षणम् ॥1 भावार्थ : सद्गुण, शुभ कर्म, भगवान् के प्रति श्रद्धा और विश्वास, यज्ञ, दान, जनकल्याण आदि, ये सब ज्ञानीजन के शुभ- लक्षण होते हैं । क्रोधो हर्षश्च दर्पश्च ह्रीः स्तम्भो मान्यमानिता। यमर्थान् नापकर्षन्ति स वै पण्डित उच्यते ॥2 भावार्थ : जो व्यक्ति क्रोध, अहंकार, दुष्कर्म,…