Jitante Stotram in Sanskrit
Jitante Stotram in Sanskrit
Argala Stotra Argala Stotra in Hindi अर्गलास्तोत्रम् जयत्वंदेविचामुण्डेजयभूतापहारिणि। जयसर्वगतेदेविकालरात्रिनमोऽस्तुते॥१॥ जयन्तीमङ्गलाकालीभद्रकालीकपालिनी। दुर्गाशिवाक्षमाधात्रीस्वाहास्वधानमोऽस्तुते॥२॥ मधुकैटभविध्वंसिविधातृवरदेनमः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥३॥ महिषासुरनिर्नाशिभक्तानांसुखदेनमः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥४॥ धूम्रनेत्रवधेदेविधर्मकामार्थदायिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥५॥ रक्तबीजवधेदेविचण्डमुण्डविनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥६॥ निशुम्भशुम्भनिर्नाशित्रैलोक्यशुभदेनमः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥७॥ वन्दिताङ्घ्रियुगेदेविसर्वसौभाग्यदायिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥८॥ अचिन्त्यरूपचरितेसर्वशत्रुविनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥९॥ नतेभ्यःसर्वदाभक्त्याचापर्णेदुरितापहे। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१०॥ स्तुवद्भयोभक्तिपूर्वंत्वांचण्डिकेव्याधिनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥११॥ चण्डिकेसततंयुद्धेजयन्तिपापनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१२॥ देहिसौभाग्यमारोग्यंदेहिदेविपरंसुखम्। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१३॥ विधेहिदेविकल्याणंविधेहिविपुलांश्रियम्। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१४॥ विधेहिद्विषतांनाशंविधेहिबलमुच्चकैः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१५॥ सुरासुरशिरोरत्ननिघृष्टचरणेऽम्बिके। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१६॥ विद्यावन्तंयशस्वन्तंलक्ष्मीवन्तञ्चमांकुरु। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१७॥ देविप्रचण्डदोर्दण्डदैत्यदर्पनिषूदिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१८॥ प्रचण्डदैत्यदर्पघ्नेचण्डिकेप्रणतायमे। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१९॥ चतुर्भुजेचतुर्वक्त्रसंस्तुतेपरमेश्वरि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२०॥ कृष्णेनसंस्तुतेदेविशश्वद्भक्त्यासदाम्बिके। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२१॥ हिमाचलसुतानाथसंस्तुतेपरमेश्वरि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२२॥ इन्द्राणीपतिसद्भावपूजितेपरमेश्वरि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२३॥ देविभक्तजनोद्दामदत्तानन्दोदयेऽम्बिके। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२४॥…
Mahishasura Mardini Stotra Mahishasura Mardini Stotra in Hindi महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥ अयि जगदम्ब…
।। अथ ज्वरनाशकस्तोत्रः।। ज्वर उवाच।। नमामि त्वानंतशक्तिं परेशं सर्वात्मानं केवलं ज्ञप्तिमात्रम्। विश्वोत्पत्तिस्थानसंरोधहेतुं यत् तद् ब्रह्म ब्रह्मलिंगं प्रशांतम्।। कालो दैवं कर्म जीवः स्वभावो द्रव्यं क्षेत्रं प्राण आत्मा विकारः। तत्संघातो बीजरोहप्रवाहस् त्वन्मायैषा तन्निषेधं प्रपद्ये।। नानाभावैर् लीलयैवोपपन्नैर् देवान् साधूँल्लोकसेतून् बिभर्षि। हंस्युन्मार्गान् हिंसया वर्तमानान् जन्मैतत् ते भारहाराय भूमेः।। तप्तोऽहं ते तेजसा दुःसहेन शांतोग्रेणात्युल्बणेन ज्वरेण। तावत् तापो देहिनां तेंऽघ्रिमूलं नो…
Oru Neramenkilum Lyrics In English
Kubera mantra ओम यक्षाया कुबेराया वैशरवानया* धनधान्या दीपटए समृद्धि दही दापा स्वाहा. “मनूजा वाक़या विमाना वरासतिकं गरूडा रत्ना निबआं निधि तयकम सिवा सका मुरुदती विबूशिधाम वरगातम धनतम बजा ठूंतिलम. ओम यक्षया कुबेराया वसैवरनाया धनधानय्ती “ओम यकश्यया कुबेराया वेआशरवानया दाना दान्याथपातए दानदन्या स्मितिरम्मे दही तपाया स्वागह”वैसवरनाया धनधान्यती पतए धनधान्या समृत्तिममे. दही दबाया स्वाहा” ओम स्रीं करीम…