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Ganesh Puja Vidhi – गणेश पुजा विधि

      पार्थिव गणपतीच्या पूजेचा शास्त्रार्थ   भाद्रपद शुक्ल चतुर्थीच्या दिवशी मध्यान्हसमयी गणपतीपूजा करावी . प्रातःकाळी अंगाला तीळ लावून गरम पाण्याने स्नान करावे . बहुतेक वेळी गणपतीच्या पूजनाला तृतीयायुक्त चतुर्थी घ्यावी .   पूजेचे साहित्य   हळदकुंकू , गुलाल , रांगोळी , फुले , दूर्वा , तुळशी , बेल , विडयाची पाने १५ ,…

In front of this Lord Ganesha, anyone has to say truth

In front of this Lord Ganesha, anyone has to say truth गणेश की इस मूर्ति के सामने बड़े से बड़ा अपराधी भी सच बोल देता है भारत में अलग-अलग धर्मों के अनुयायी रहते हैं। सभी धर्मों का इतिहास चमत्कारिक घटनाओं से भरा हुआ है। स्वर्गलोक में बैठे ईश्वर समय-समय पर धरती पर अवतार लेते आए…

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Shri Hanuman Ji Ki Aarti – श्री हनुमान जी की आरती

Shri Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi and English श्री हनुमान जी की आरती (Shri Hanuman Ji Ki Aarti) आरति कीजै हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || जाके बल से गिरिवर कांपै | रोग – दोष जाके निकट न झांपै || अंजनी पुत्र महा बलदाई | सन्तन के प्रेम सदा सहाई ||…

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Srimad Bhagavata Mahapurana ki Aarti

॥ आरती श्रीमद्भागवतमहापुराण की ॥ Srimad Bhagavata Mahapurana ki Aarti आरती अतिपावन पुरान की । धर्म-भक्ति-विज्ञान-खान की ॥ टेक ॥ महापुराण भागवत निर्मल । शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल ॥ परमानन्द सुधा-रसमय कल । लीला-रति-रस रसनिधान की ॥ आरती० कलिमथ-मथनि त्रिताप-निवारिणि । जन्म-मृत्यु भव-भयहारिणी ॥ सेवत सतत सकल सुखकारिणि । सुमहौषधि हरि-चरित गान की ॥ आरती० विषय-विलास-विमोह विनाशिनि…

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मंगलवार व्रत की आरती Mangalvar Vrat Ki Aarti

मंगलवार व्रत की आरती Mangalvar Vrat Ki Aarti मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता, मंगल मंगल देव अनन्ता हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे शंकर सुवन केसरी नन्दन, तेज प्रताप महा जग वन्दन॥ लाल लंगोट लाल दोउ नयना, पर्वत सम फारत है सेना काल अकाल जुद्ध किलकारी, देश उजारत क्रुद्ध अपारी॥ राम दूत…

आरती श्री काली मां की Kali maa

आरती श्री काली मां की Aarti Kali Mata Ki आरती श्री काली मां की मंगल की सेवा, सुन मेरी देवा, हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े । पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेंट धरे। सुन जगदम्बे कर न विलम्बे, सन्तन के भण्डार भरे। संतन प्रतिपाली सदाखुशहाली, जै काली कल्याण करे॥ बुद्धि विधाता तू जगमाता,…

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आरती दुर्गा जी की (Aarti Sri Durga Ji Ki)

आरती दुर्गा जी की (Aarti Sri Durga Ji Ki) जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निश दिन ध्यावत हरि ब्रह्‌मा शिवरी॥ मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना चन्द्रवदन नीको॥ कनक समान कलेवर रक्तांबर राजे। रक्तपुष्प की माला कंठन पर साजे॥ केहरि वाहन राजत खड्‌ग खप्पर धारी। सुर-नर-मुनि जन सेवत…