Ambhruni Sooktam
Ambhruni Sooktam
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॥ श्री राम स्तुती ब्रह्मदेव कृतम् ॥ श्री गणेशाय नमः । ब्रह्मोवाचः । वन्दे देवं विष्णुमशेषस्थितिहेतुं त्वामध्यात्मज्ञानिभिरन्तर्हृदि भाव्यम् । हेयाहेयद्वन्द्वविहीनं परमेकं सत्तामात्रं सर्वहृदिस्थं दृशिरूपम् ॥ १॥ प्राणापानौ निश्चयबुद्ध्या हृदि रुद्ध्वा छित्वा सर्वं संशयबन्धं विषयौघान् । पश्यन्तीशं यं गतमोहा यतयस्तं वन्दे रामं रत्नकिरीटं रविभासम् ॥ २॥ मायातीतं माधवमाद्यं जगदादिं मानातीतं मोहविनाशं मुनिवन्द्यम् । योगिध्येयं योगविधानं परिपूर्णं…
ध्यानः नंद गोप गृहे जाता यशोदा गर्भसम्भवा| ततस्तो नाश यष्यामि विंध्याचल निवासिनी || ||श्री विंध्यवासिनी माता स्तोत्रम|| निशुम्भशुम्भमर्दिनी, प्रचंडमुंडखंडनीम | वने रणे प्रकाशिनीं, भजामि विंध्यवासिनीम ||१|| त्रिशुलमुंडधारिणीं, धराविघातहारणीम | गृहे गृहे निवासिनीं, भजामि विंध्यवासिनीम ||२|| दरिद्रदु:खहारिणीं, संता विभूतिकारिणीम | वियोगशोकहारणीं, भजामि विंध्यवासिनीम ||३|| लसत्सुलोललोचनां, लता सदे वरप्रदाम | कपालशूलधारिणीं, भजामि विंध्यवासिनीम ||४|| करे मुदागदाधरीं, शिवा…
आपकी कुण्डली में भी ऋण योग तो नहीं एक जमाना था जब लोग कर्ज लेना उचित नहीं समझते थे। माना जाता था कि कर्ज लेने से लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और बरकत चली जाती है। इसलिए लोगों के पास जितना होता था उसी से गुजारा करने की कोशिश करते थे। लेकिन वर्तमान में स्थिति…