Umiya Chalisa in Gujarati Lyrics
Umiya Chalisa in Gujarati Lyrics
Shri Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi and English श्री हनुमान जी की आरती (Shri Hanuman Ji Ki Aarti) आरति कीजै हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || जाके बल से गिरिवर कांपै | रोग – दोष जाके निकट न झांपै || अंजनी पुत्र महा बलदाई | सन्तन के प्रेम सदा सहाई ||…
श्रीसरस्वतीचालीसा ॥दोहा॥ जनकजननिपद्मरज, निजमस्तकपरधरि।बन्दौंमातुसरस्वती, बुद्धिबलदेदातारि॥ पूर्णजगतमेंव्याप्ततव, महिमाअमितअनंतु।दुष्जनोंकेपापको, मातुतुहीअबहन्तु॥ जयश्रीसकलबुद्धिबलरासी।जयसर्वज्ञअमरअविनाशी॥ जयजयजयवीणाकरधारी।करतीसदासुहंससवारी॥ रूपचतुर्भुजधारीमाता।सकलविश्वअन्दरविख्याता॥ जगमेंपापबुद्धिजबहोती।तबहीधर्मकीफीकीज्योति॥ तबहीमातुकानिजअवतारी।पापहीनकरतीमहतारी॥ वाल्मीकिजीथेहत्यारा।तवप्रसादजानैसंसारा॥ रामचरितजोरचेबनाई।आदिकविकीपदवीपाई॥ कालिदासजोभयेविख्याता।तेरीकृपादृष्टिसेमाता॥ तुलसीसूरआदिविद्वाना।भयेऔरजोज्ञानीनाना॥ तिन्हनऔररहेउअवलम्बा।केवकृपाआपकीअम्बा॥ करहुकृपासोइमातुभवानी।दुखितदीननिजदासहिजानी॥ पुत्रकरहिंअपराधबहूता।तेहिनधरईचितमाता॥ राखुलाजजननिअबमेरी।विनयकरउंभांतिबहुतेरी॥ मैंअनाथतेरीअवलंबा।कृपाकरउजयजयजगदंबा॥ मधुकैटभजोअतिबलवाना।बाहुयुद्धविष्णुसेठाना॥ समरहजारपाँचमेंघोरा।फिरभीमुखउनसेनहींमोरा॥ मातुसहायकीन्हतेहिकाला।बुद्धिविपरीतभईखलहाला॥ तेहितेमृत्युभईखलकेरी।पुरवहुमातुमनोरथमेरी॥ चंडमुण्डजोथेविख्याता।क्षणमहुसंहारेउनमाता॥ रक्तबीजसेसमरथपापी।सुरमुनिहदयधरासबकाँपी॥ काटेउसिरजिमिकदलीखम्बा।बारबारबिनवउंजगदंबा॥ जगप्रसिद्धजोशुंभनिशुंभा।क्षणमेंबाँधेताहितूअम्बा॥ भरतमातुबुद्धिफेरेऊजाई।रामचन्द्रबनवासकराई॥ एहिविधिरावणवधतूकीन्हा।सुरनरमुनिसबकोसुखदीन्हा॥ कोसमरथतवयशगुनगाना।निगमअनादिअनंतबखाना॥ विष्णुरुद्रजसकहिनमारी।जिनकीहोतुमरक्षाकारी॥ रक्तदन्तिकाऔरशताक्षी।नामअपारहैदानवभक्षी॥ दुर्गमकाजधरापरकीन्हा।दुर्गानामसकलजगलीन्हा॥ दुर्गआदिहरनीतूमाता।कृपाकरहुजबजबसुखदाता॥ नृपकोपितकोमारनचाहे।काननमेंघेरेमृगनाहे॥ सागरमध्यपोतकेभंजे।अतितूफाननहिंकोऊसंगे॥ भूतप्रेतबाधायादुःखमें।होदरिद्रअथवासंकटमें॥ नामजपेमंगलसबहोई।संशयइसमेंकरईनकोई॥ पुत्रहीनजोआतुरभाई।सबैछांड़िपूजेंएहिभाई॥ करैपाठनितयहचालीसा।होयपुत्रसुन्दरगुणईशा॥ धूपादिकनैवेद्यचढ़ावै।संकटरहितअवश्यहोजावै॥ भक्तिमातुकीकरैंहमेशा।निकटनआवैताहिकलेशा॥ बंदीपाठकरेंसतबारा।बंदीपाशदूरहोसारा॥ रामसागरबाँधिहेतुभवानी।कीजैकृपादासनिजजानी॥ ॥दोहा॥ मातुसूर्यकान्तितव, अन्धकारममरूप।डूबनसेरक्षाकरहुपरूँनमैंभवकूप॥ बलबुद्धिविद्यादेहुमोहि, सुनहुसरस्वतीमातु।रामसागरअधमकोआश्रयतूहीदेदातु॥ Saraswati Chalisa In…
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List of mudras for copying purpose here i wrote Sumukh, Samput, Vitat, Vistrat, Dwimukh, Trimukh, Chaturmukh, Panchmuykh, Shanmukh, Adhomukh, Vyapanjalik, Shakat, Yampash, Gnanthit, Sanmukhonmukh, chormukham not in Guru charithra )Pralamb, Mushti. Matsya ,Kurma, Varaha, Sinhakranti, Mahakranti, Mudgar and Pallava are the 24 mudras Poses. Recitation of Gayatri with mudras is more fruitful. Gayatri has three…
Hanuman Chalisa is a poetic composition in praise of Hanuman. It consists of 40 Shlokas, written by Goswami Tulasidas. It believed that he composed Hanuman chalisa during Kumbhamela in Haridwara in a state of Samadhi. Hanuman chalisa must be recited after taking a shower in the morning or evening. During difficult planetary periods of Shani like…