Shri Ram Chandra Stuti

  अरण्यकाण्ड अत्रि मुनि द्वारा स्तुति नमामि भक्त वत्सलम् । कृपालु शील कोमलम् ॥ भजामि ते पदांबुजम् । अकामिनाम् स्वधामदम् ॥ निकाम् श्याम् सुंदरम् । भवाम्बुनाथ मंदरम् ॥ प्रफुल्ल कंज लोचनम् । मदादि दोष मोचनम् ॥ प्रलंब बाहु विक्रमम् । प्रभोऽप्रमेय वैभवम् ॥ निषंग चाप सायकम् । धरम् त्रिलोक नायकम् ॥ दिनेश वंश मंदनम् ।…

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Shri Hanuman Ji Ki Aarti – श्री हनुमान जी की आरती

Shri Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi and English श्री हनुमान जी की आरती (Shri Hanuman Ji Ki Aarti) आरति कीजै हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || जाके बल से गिरिवर कांपै | रोग – दोष जाके निकट न झांपै || अंजनी पुत्र महा बलदाई | सन्तन के प्रेम सदा सहाई ||…

Hanuman, SHRI ANJANEYA SAHASRANAM STOTRAM

श्री आञ्जनेय सहस्रनामस्तोत्रम् .. .. श्रीः.. Shri Anjaneya or Hanuman Stotra of 1000 Names .. श्री आञ्जनेय सहस्रनामस्तोत्रम् .. उद्यदादित्य संकाशं उदार भुज विक्रमम् . कन्दर्प कोटि लावण्यं सर्व विद्या विशारदम् .. श्री राम हृदयानंदं भक्त कल्प महीरुहम् . अभयं वरदं दोर्भ्यां कलये मारुतात्मजम् .. अथ सहस्रनाम स्तोत्रम् . हनुमान् श्री प्रदो वायु पुत्रो रुद्रो…

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आरती श्री शनि देव जी की Shri Shani Dev Ji Ki Aarti

आरती श्री शनि देव जी की Shri Shani Dev Ji Ki Aarti जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी, सूर्य पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय जय शनि देव॥ श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी, नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय ॥ क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी, मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी॥…

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श्री रामायण जी की आरती (Aarti Shri Ramayan Ji ki)

श्री रामायण जी की आरती (Aarti Shri Ramayan Ji ki) महर्षि वाल्मीकि आरति श्री रामायण जी की। कीरति कलित ललित सिय पी की॥ गावत ब्रह्‌मादिक मुनि नारद। बाल्मीकि बिग्यान बिसारद॥ सुक सनकादि सेष अरु सारद। बरन पवनसुत कीरति नीकी॥१॥ गावत बेद पुरान अष्टदस। छओ सास्त्र सब ग्रंथन को रस॥ मुनि जन धन संतन को सरबस।…

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आरती श्री रघुवर जी की (Aarti Shri Raghuvar Ji Ki)

आरती श्री रघुवर जी की (Aarti Shri Raghuvar Ji Ki) आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥ दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥ अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥ निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि॥ हरण शोक-भय दायक नव निधि,…

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आरती श्री शिव जी की (Aarti Shri Shiv Ji Ki)

आरती श्री शिव जी की (Aarti Shri Shiv Ji Ki) जय शिव ओंकारा, हर शिव ओंकारा, ब्रह्‌मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा। एकानन चतुरानन पंचानन राजै हंसानन गरुणासन वृषवाहन साजै। दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहै, तीनों रूप निरखते त्रिभुवन मन मोहे। अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी, चन्दन मृगमद चंदा सोहै त्रिपुरारी। श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे,…

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आरती श्री सूर्यदेव जी की Aarti Shri Surya Dev Ji Ki

आरती श्री सूर्यदेव जी की Aarti Shri Surya Dev Ji Ki जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव। राजनीति मदहारी शतदल जीवन दाता। षटपद मन मुदकारी हे दिनमणि ताता। जग के हे रविदेव, जय जय जय रविदेव। नभमंडल के वासी ज्योति प्रकाशक देवा। निज जनहित सुखसारी तेरी हम सब सेवा। करते हैं रवि देव,…

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आरती श्री साईं जी की Shri Sai Baba Ki Aarti (Arti Sainath Ki), Sai Ram ki Arti

आरती श्री साईं जी की Shri Sai Baba Ki Aarti (Arti Sainath Ki), Sai Ram ki Arti आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। जा की कृपा विपुल सुखकारी, दुख शोक संकट भयहारी। शिरडी में अवतार रचाया, चमत्कार से तत्व दिखाया। कितने भक्त चरण पर आये, वे सुख शान्ति चिरंतन पाये। भाव धरै…

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आरती श्री गिरिराज जी की || Shri Giriraj Ji Ki Aarti ||

आरती श्री गिरिराज जी की || Shri Giriraj Ji Ki Aarti || ओउम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज।। ओउम जय ।। इन्द्रादिक सब सुर मिल तुम्हरौ ध्यान धरैं। रिषि मुनिजन यश गावें, ते भव सिन्धु तरैं।। ओउम जय ।। सुन्दर रूप तुम्हारौ श्याम…