Durga Saptashloki Stotra

Durga Saptashloki Durga Saptashloki in Hindi श्रीदुर्गासप्तश्लोकी ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमहामन्त्रस्य नारायण ऋषिः । अनुष्टुपादीनि छन्दांसि । श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवताः । श्री जगदम्बाप्रीत्यर्थ पाठे विनियोगः ॥ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवि भगवती हि सा । बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥१॥ दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि । दारिद्रयदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द चित्ता ॥२॥ सर्वमंगलमांगल्ये शिवे…

Mahishasura Mardini Stotra

Mahishasura Mardini Stotra Mahishasura Mardini Stotra in Hindi महिषासुरमर्दिनि   स्तोत्रम् अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥  सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥  अयि जगदम्ब…

Maruti Stotra

Maruti Stotra Maruti Stotra in Hindi ॥ मारुति स्तोत्र ॥ भीमरूपी महारुद्रा वज्र हनुमान मारुती । वनारी अन्जनीसूता रामदूता प्रभंजना ॥१॥ महाबळी प्राणदाता सकळां उठवी बळें । सौख्यकारी दुःखहारी (शोकहर्ता) (धूर्त) दूत वैष्णव गायका ॥२॥ दीननाथा हरीरूपा सुंदरा जगदंतरा । पातालदेवताहंता भव्यसिंदूरलेपना ॥३॥ लोकनाथा जगन्नाथा प्राणनाथा पुरातना । पुण्यवंता पुण्यशीला पावना परितोषका ॥४॥ ध्वजांगें उचली बाहो आवेशें लोटला…

Nirvana Shatakam Stotra

Nirvana Shatakam Stotra Nirvana Shatakam Stotra in English Mano budhya ahankara chithaa ninaham, Ha cha srothra jihwe na cha graana nethrer, A cha vyoma bhoomir na thejo na vayu, Chidananada roopa shivoham, shivoham||1 Na cha praana samgno na vai pancha vaayur, Na vaa saptha dhathur na va pancha kosa, Na vak pani padam na chopa…

Mahalakshmi Ashtakam Stotra

महालक्ष्मि अष्टकं: नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते । शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते ॥१॥ नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि । सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते ॥२॥ सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयंकरि । सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते ॥३॥ सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि । मन्त्रमूर्ते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते ॥४॥ आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि । योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते ॥५॥ स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे । महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते ॥६॥…

Gajendra Moksha Stotra

Gajendra Moksha Stotra Gajendra Moksha Stotra in Hindi ओं नमो भगवते तस्मै यत एतच्चिदात्मकम पुरुषायादिबीजाय परेशायाभिधीमहि || यस्मिन्निदं यतश्चेदं येनेदं य इदं स्वयम योऽस्मात्परस्माच्च परस्तं प्रपद्ये स्वयम्भुवम || यः स्वात्मनीदं निजमाययार्पितं क्वचिद्विभातं क्व च तत्तिरोहितम अविद्धदृक्साक्ष्युभयं तदीक्षते स आत्ममूलोऽवतु मां परात्परः || कालेन पञ्चत्वमितेषु कृत्स्नशो लोकेषु पालेषु च सर्वहेतुषु तमस्तदासीद्गहनं गभीरं यस्तस्य पारेऽभिविराजते विभुः ||…

Hastamalak Stotra

हस्तामलक स्तोत्र दक्षिण भारत के श्रीबली नामक गाँव में प्रभाकर नाम के एक विद्वान ब्राह्मण रहते थे। उनका एक पागल सा लड़का था। वह लड़का बचपन से ही सांसारिक कार्यों के प्रति उदासीन वृत्ति रखता था। उसका व्यवहार एक गूंगे और बहले बालक के समान था। एक बार जब शंकराचार्य अपने शिष्योंसहित इस गाँव में…

Aditya Hridaya Stotra

‘आदित्यहृदय स्तोत्र‘ विनियोग ॐ अस्य आदित्य हृदयस्तोत्रस्यागस्त्यऋषिरनुष्टुपछन्दः, आदित्येहृदयभूतो भगवान ब्रह्मा देवता निरस्ताशेषविघ्नतया ब्रह्मविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः। ऋष्यादिन्यास ॐ अगस्त्यऋषये नमः, शिरसि। अनुष्टुपछन्दसे नमः, मुखे। आदित्यहृदयभूतब्रह्मदेवतायै नमः हृदि। ॐ बीजाय नमः, गुह्यो। रश्मिमते शक्तये नमः, पादयो। ॐ तत्सवितुरित्यादिगायत्रीकीलकाय नमः नाभौ। करन्यास ॐ रश्मिमते अंगुष्ठाभ्यां नमः। ॐ समुद्यते तर्जनीभ्यां नमः। ॐ देवासुरनमस्कृताय मध्यमाभ्यां नमः। ॐ विवरवते…

Kunjika Stotra | सिद्ध कुन्जिका स्तोत्रं

समय कम है तो कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें Siddha Kunjika Stotra नवरात्र के नौ दिनों में विधि-विधान पूर्वक दुर्गा सप्तशती के पाठ से माता की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है, ऐसी मान्यता है। जो लोग नियमित दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं उन्हें संपूर्ण पाठ करने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगता है। जो…

Samasta Papnashak Stotra

समस्त पापनाशक स्तोत्र – Samasta Papnashak Stotra भगवान वेदव्यास द्वारा रचित अठारह पुराणों में से एक ‘अग्नि पुराण’ में अग्निदेव द्वारा महर्षि वशिष्ठ को दिये गये विभिन्न उपदेश हैं। इसी के अंतर्गत इस पापनाशक स्तोत्र के बारे में महात्मा पुष्कर कहते हैं कि मनुष्य चित्त की मलिनतावश चोरी, हत्या, परस्त्रीगमन आदि विभिन्न पाप करता है, पर…