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Yatra: Morzai temple in Gomantak, Goa
Morzai temple in Gomantak, Goa. Many stories are associated with the emergence of this temple which is devoted to the holy goddess, Morzai. It is believed that this goddess emerged from the sea and was fished out by the fisherman ( morjey ). Further, she tells about Maa Bhagvati, Theerth, Kalashotsav, Parashuram, Mukti, Mahishasur, Devi…
आरती श्री रघुवर जी की (Aarti Shri Raghuvar Ji Ki)
आरती श्री रघुवर जी की (Aarti Shri Raghuvar Ji Ki) आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥ दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥ अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥ निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि॥ हरण शोक-भय दायक नव निधि,…
आरती श्री गिरिराज जी की || Shri Giriraj Ji Ki Aarti ||
आरती श्री गिरिराज जी की || Shri Giriraj Ji Ki Aarti || ओउम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज।। ओउम जय ।। इन्द्रादिक सब सुर मिल तुम्हरौ ध्यान धरैं। रिषि मुनिजन यश गावें, ते भव सिन्धु तरैं।। ओउम जय ।। सुन्दर रूप तुम्हारौ श्याम…
वार्षिक अंकभविष्य २०२१ : अंकांची जादू पाहा, येणारे नवीन वर्ष २०२१ कसे असेल ते जाणून घ्या
इतरांसाठी हा आठवडा कसा असेल, येत्या नवीन वर्षात कोणता मुलांक असलेले लोक आनंदाने प्रवेश करतील? सरत्या वर्षाचा शेवटचा आठवडा कसा असेल जाणून घेऊया अंक भविष्यानुसार… मुलांकावरून आपल्या जीवनात येणाऱ्या बदलांबाबत खूप काही जाणून घेऊ शकतो. येणारे २०२१ साल कोणत्या मुलांकाच्या जीवनात चढ-उतार घेऊन येईल तसेच कोणाच्या जीवनात आनंद देणारे असेल जाणून घेऊ. अंकशास्त्रात याबाबत…
आटे के दीये क्यों जलाते हैं, जानिए 10 काम की बातें
हमने अक्सर मंदिरों में आटे के दीये जलते हुए देखे हैं, लेकिन हम नहीं जानते कि ऐसा क्यों किया जाता है? आइए जानते हैं शास्त्रसम्मत कुछ बातें… 1. वास्तव में आटे के दीपक का प्रयोग किसी बहुत बड़ी कामना की पूर्ति के लिए किया जाता है। 2. अक्सर मन्नत के दिए आटे के बने होते हैं। 3….
आरती श्री शिव जी की (Aarti Shri Shiv Ji Ki)
आरती श्री शिव जी की (Aarti Shri Shiv Ji Ki) जय शिव ओंकारा, हर शिव ओंकारा, ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा। एकानन चतुरानन पंचानन राजै हंसानन गरुणासन वृषवाहन साजै। दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहै, तीनों रूप निरखते त्रिभुवन मन मोहे। अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी, चन्दन मृगमद चंदा सोहै त्रिपुरारी। श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे,…