If you achieve this thing in life then nothing is difficult

अगर आप जीवन में इस चीज को हासिल कर लें तो फिर कोई चीज मुश्किल नहीं

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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक स्थान है जंजैहली। शिकारी देवी नामक स्थान के लिए ट्रैकिंग पर जाने का यह बेस कैंप है। यह पूरा इलाका ही प्राकृतिक सौंदर्य का पर्याय कहा जा सकता है। ट्रैकिंग के अलावा यहां आकर्षण का एक और केंद्र है। जंजैहली से दो-तीन किलोमीटर पहले ही एक जगह पर सड़क के पास ही छह सात छह फुट ऊंचा एक अंडाकार पत्थर रखा है। यहां के लोगों का मानना है कि इसे पांडवों ने स्थापित किया था, इसीलिए इसे पांडव शिला के नाम से जाना जाता है। इस शिलाखंड की कई विशेषताएं हैं। एक विशेषता तो यही है कि इसे केवल एक उंगली से हिलाया जा सकता है, लेकिन उंगली से ज्यादा यानी दोनों हाथों से पूरे शरीर का बल लगाने पर यह बिलकुल नहीं हिलता।

इसके अलावा इस शिलाखंड को लेकर एक और मान्यता है। एक खास दूरी से लोग इस शिलाखंड के ऊपरी भाग पर छोटे-छोटे कंकड़ फेंकते हैं। कंकड़ फेंकने से पहले मन में कोई बात सोचते हैं अथवा संकल्प लेते हैं। अगर कंकड़ शिलाखंड पर रुक जाता है तो माना जाता है कि सोची हुई बात अवश्य पूरी होगी। शिलाखंड में उपरोक्त विशेषताओं को किसने खोजा होगा और कैसे खोजा होगा, यह तो पता नहीं लेकिन इन विशेषताओं से कई महत्त्वपूर्ण और उपयोगी संदेश अवश्य मिलते हैं। जिस प्रकार मात्र एक उंगली से एक भारी-भरकम शिलाखंड को हिलाया जा सकता है, उसी प्रकार जीवन में भी बहुत से कार्य सहजता से ही हो जाते हैं, जबकि कभी-कभी बहुत जोर लगाने पर हम सफल नहीं हो पाते।

बहुत अधिक प्रयास करने अथवा पूरी ताकत लगाने पर भी किसी कार्य में सफलता क्यों नहीं मिलती? इसका प्रमुख कारण तो यही है कि जब हम किसी कार्य को करने के लिए आवश्यकता से अधिक बल लगाते हैं अथवा प्रयास करते हैं तो ऐसी अवस्था में हम सहज नहीं रह पाते। ऐसी असहजता तनाव उत्पन्न करती है और तनाव की अवस्था न केवल कार्य करने में बाधक होती है, अपितु स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत घातक होती है। अगर हम सहज होकर कार्य करते हैं तो न तो कार्य करने की जल्दी होती है और न ही तनाव उत्पन्न होता है। ऐसे में हम किसी भी प्रकार की हड़बड़ी से बचे रहते हैं और बहुत ही अच्छी प्रकार से सोच-समझकर कार्य कर सकते हैं। इससे न केवल कार्य करने में अधिक आनंद आता है अपितु सफलता की संभावना भी बहुत अधिक बढ़ जाती है।

शिलाखंड की दूसरी विशेषता उस पर कंकड़ फेंकने को लेकर है। यहां कंकड़ फेंकने के प्रयास में अधिकांश कंकड़ नीचे गिर जाते हैं क्योंकि यहां ऐसी जगह बहुत कम है जहां कंकड़ ठहर सकें। साथ ही अगर कंकड़ फेंकने में कम बल लगाएंगे तो कंकड़ अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाएगा और अधिक बल लगाएंगे तो वह अपने गंतव्य से आगे पहुंचकर नीचे जमीन पर गिर जाएगा। यहां भी तात्पर्य यही है कि जब तक हम बल की मात्रा और गति का सही आकलन नहीं कर पाएंगे तब तक कंकड़ को अपेक्षित स्थान पर फेंककर वहीं रोक देना संभव ही नहीं होगा। जीवन के किसी भी क्षेत्र में पूर्ण सफलता के लिए लक्ष्य अथवा उद्देश्य की स्पष्टता और एकाग्रता के साथ-साथ सहजता, सतर्कता व संतुलन भी अनिवार्य है।

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