मधुमेह के दुष्प्रभाव

मधुमेह होने पर अनेक रोग स्वयं आने लगते हैं गर्भवती मधुमेहही महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या गर्भस्थ शिशु है रक्त शर्करा तथा इंसुलिन के स्तरों में उतार-चढ़ाव का प्रभाव शिशु की शारीरिक और मानसिक विकास पर होता है। अतः देखरेख अत्यंत आवश्यक होती है।
हृदय रोग मधुमेह रोगियों में रक्त को जमाने वाले तत्वों की वृद्धि हो जाती है इससे धमनियां संकरी होकर एथेरोस्क्लोसिस की स्थिति पैदा करते हैं इसके साथ ही ट्राइग्लिसराइड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल के बढ़ने से हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है।

उच्च रक्तचाप धमनिया कठोर तथा सकरी होने से रक्तचाप बढ़ना विशेषकर मस्तिष्क में ऐसा होने से मानसिक रोगी लकवा अथवा ब्रेन हेमरेज की संभावना बढ़ जाती है।

गुर्दे के रोग मधुमेह का सीधा संबंध गुर्दे से है क्योंकि अतिरिक्त शर्करा का नियंत्रण दबाव इस पर होता है अनियंत्रित मधुमेह से गुर्दा तथा ह्रदय विशेष रूप से क्षतिग्रस्त होते हैं मूत्र में एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन की उपस्थिति गुर्दे की खराबी का लक्षण है ऐसी स्थिति में किम एलसीएल विल्सन नामक जटिल रोग पाया जाता है।
शल्य कर्म ऐसे रोगियों में शल्य कर्म जटिल होता है क्योंकि जीवनी व रोग प्रतिरोधक शक्ति तथा ऊर्जा सभी रोग के कारण कम हो जाते हैं पता जहां तक संभव हो ऐसे रोगियों को दुस्साहस एक काम जिनमें दुर्घटना की संभावना हो नहीं करनी चाहिए। शल्य कर्मा में संक्रमण की संभावना भी ऐसे रोगियों में अधिक होती है। अन्य संक्रमण जुकाम निमोनिया खांसी टीवी फंगस विषाणु कीटाणु के संक्रमण की संभावना भी अधिक होती है।
आंख के रोग रक्त प्रवाह व्यवस्थित ना होने से 13 करोड़ 7000000 कोशिकाएं रेटिना की कोशिकाएं और उत्तक ठीक से कार्य करने में सक्षम नहीं रहते और मोतियाबिंद आंखों की रोशनी जाना , दृष्टि नारी शोथ, विकृत दृष्टि आदि की संभावना बढ़ जाती है।

स्नायु संस्थान के रोग जांग हाथ पैर उठना कोनी आदि अंगों में स्वरों की चुभन जैसी दर्द की अनुभूति होना और ठंड तथा गर्म की अनुभूति ना होना आदि लक्षण स्नायुयों की संवेदना ग्रहण करने की क्षमता में कमी को दर्शाते हैं ऐसी स्थिति में प्रभावित अंग को गर्म कपड़े से बांधकर गर्मी पहुंचाने से आराम मिलता है रक्त संचार के अभाव के कारण कुछ रोगियों में स्थाई नपुंसकता के लक्षण भी होते हैं।
अल्सर रोगियों में ग्रोथ फैक्टर की क्रिया अनियंत्रित होने से घाव भरने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।

इसके अतिरिक्त रक्त संचार और स्नायु दुर्बलता के कारण मधुमेह रोगियों में गठिया एवं संधिवात के लक्षण भी मिलते हैं शरीर पर जगह-जगह चकत्ते जम जाना तथा तंत्रिका शोध न्यूराइटिस तथा फेफड़ों के अनेक रोग होने की संभावना रहती है। मधुमेह के रोगियों के त्वचा संक्रमण खुजली, पुरुषों के शिश्न तथा स्त्रियों के योनि भाग में फंगस मोनू लिया का संक्रमण खुजली व्रण और नाखूनों पर विशेष प्रकार के फंगस संक्रमण आधे हो सकते हैं।

मधुमेह रोगियों के लिए एड्स शीघ्र जानलेवा होता है cross-linking की प्रक्रिया तेजी से होने के कारण मधुमेह रोगियों की जीवन आयु एक तिहाई घट जाती है और जल्द ही बुढ़ापे के लक्षण प्रतीत होने लगते हैं।

आंख के लेंस दुबले होना फेफड़े हृदय तथा गुर्दे का कार्य अस्त व्यस्त होना तथा मधुमेह के कारण चयापचय क्रिया अस्त व्यस्त होना आदि कारणों से मधुमेह रोगियों में मृत्यु दर बढ़ जाती है।

संतरा नींबू आमला अमरूद रसभरी तथा समस्त प्रकार की बेरिया खट्टे फल अंकुरित गेहूं लहसुन विटामिन सी एंटी ऑक्सीडेंट एंजाइम सेलेनियम आधार हमारे बुढ़ापे मधुमेह तथा अन्य रोगों से रक्षा करते हैं।

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