002 – Mugadal Puran Ganesh dvadashnam stotram
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Atma Raksha Stotra Lyrics In English
जय योगिश्वर दत्त दयाळ तुज एक जगमा प्रतिपाळ ||1|| अत्र्यनसुया करी निमित्त प्रगट्यो जगकारण निश्चित् ||2|| ब्रम्हा हरिहरनो अवतार शरणागतनो तारणहार् ||3|| अन्तर्यामि सतचितसुख बहार सद्गुरु द्विभुज सुमुख् ||4|| झोळी अन्नपुर्णा करमाह्य शान्ति कमन्डल कर सोहाय ||5|| क्याय चतुर्भुज षडभुज सार अनन्तबाहु तु निर्धार ||6|| आव्यो शरणे बाळ अजाण उठ दिगंबर चाल्या प्राण ||7|| सुणी…
Argala Stotra Argala Stotra in Hindi अर्गलास्तोत्रम् जयत्वंदेविचामुण्डेजयभूतापहारिणि। जयसर्वगतेदेविकालरात्रिनमोऽस्तुते॥१॥ जयन्तीमङ्गलाकालीभद्रकालीकपालिनी। दुर्गाशिवाक्षमाधात्रीस्वाहास्वधानमोऽस्तुते॥२॥ मधुकैटभविध्वंसिविधातृवरदेनमः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥३॥ महिषासुरनिर्नाशिभक्तानांसुखदेनमः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥४॥ धूम्रनेत्रवधेदेविधर्मकामार्थदायिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥५॥ रक्तबीजवधेदेविचण्डमुण्डविनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥६॥ निशुम्भशुम्भनिर्नाशित्रैलोक्यशुभदेनमः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥७॥ वन्दिताङ्घ्रियुगेदेविसर्वसौभाग्यदायिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥८॥ अचिन्त्यरूपचरितेसर्वशत्रुविनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥९॥ नतेभ्यःसर्वदाभक्त्याचापर्णेदुरितापहे। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१०॥ स्तुवद्भयोभक्तिपूर्वंत्वांचण्डिकेव्याधिनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥११॥ चण्डिकेसततंयुद्धेजयन्तिपापनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१२॥ देहिसौभाग्यमारोग्यंदेहिदेविपरंसुखम्। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१३॥ विधेहिदेविकल्याणंविधेहिविपुलांश्रियम्। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१४॥ विधेहिद्विषतांनाशंविधेहिबलमुच्चकैः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१५॥ सुरासुरशिरोरत्ननिघृष्टचरणेऽम्बिके। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१६॥ विद्यावन्तंयशस्वन्तंलक्ष्मीवन्तञ्चमांकुरु। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१७॥ देविप्रचण्डदोर्दण्डदैत्यदर्पनिषूदिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१८॥ प्रचण्डदैत्यदर्पघ्नेचण्डिकेप्रणतायमे। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१९॥ चतुर्भुजेचतुर्वक्त्रसंस्तुतेपरमेश्वरि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२०॥ कृष्णेनसंस्तुतेदेविशश्वद्भक्त्यासदाम्बिके। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२१॥ हिमाचलसुतानाथसंस्तुतेपरमेश्वरि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२२॥ इन्द्राणीपतिसद्भावपूजितेपरमेश्वरि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२३॥ देविभक्तजनोद्दामदत्तानन्दोदयेऽम्बिके। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२४॥…