आरती श्री शनि देव जी की Shri Shani Dev Ji Ki Aarti जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी, सूर्य पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय जय शनि देव॥ श्याम
श्री रामायण जी की आरती (Aarti Shri Ramayan Ji ki) महर्षि वाल्मीकि आरति श्री रामायण जी की। कीरति कलित ललित सिय पी की॥ गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद। बाल्मीकि बिग्यान बिसारद॥
आरती श्री रघुवर जी की (Aarti Shri Raghuvar Ji Ki) आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥ दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य
आरती श्री शिव जी की (Aarti Shri Shiv Ji Ki) जय शिव ओंकारा, हर शिव ओंकारा, ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा। एकानन चतुरानन पंचानन राजै हंसानन गरुणासन वृषवाहन साजै। दो
आरती श्री सूर्यदेव जी की Aarti Shri Surya Dev Ji Ki जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव। राजनीति मदहारी शतदल जीवन दाता। षटपद मन मुदकारी हे दिनमणि ताता।
आरती श्री साईं जी की Shri Sai Baba Ki Aarti (Arti Sainath Ki), Sai Ram ki Arti आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। जा की कृपा विपुल
आरती श्री महावीर जी की ||Shri Mahaveer Swami Ki Aarti || जय महावीर प्रभो। स्वामी जय महावीर प्रभो। जगनायक सुखदायक, अति गम्भीर प्रभो।।ओउम।। कुण्डलपुर में जन्में, त्रिशला के जाये। पिता
आरती श्री गिरिराज जी की || Shri Giriraj Ji Ki Aarti || ओउम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज।।
आरती श्री परशुराम जी की || Aarti Shri Parashuram Ji Ki || [ad name="HTML"]
आरती भगवती महालक्ष्मी जी की || Shri Mahalaxmi Ji Ki Aarti (Arti)|| ओउम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत, हर विष्णु विधाता।। ओउम।। उमा रमा ब्रह्माणी,