नवरात्रि व्रत की लोककथा के अनुसार कौशल देश में सुशील नामक का एक निर्धन ब्राह्मण रहता था। प्रतिदिन मिलने वाली भिक्षा से वह अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। उसके
जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है वेबदुनिया की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका
रावण के 4 तांत्रिक तिलक का रहस्य महाज्ञानी रावण कई चीजों में पारंगत था। ज्योतिष शास्त्र में भी उसे महारत हासिल थी। तंत्र शास्त्र का भी वह महाज्ञाता था। इसी
लोग लंकापति रावण को अनीति, अनाचार, दंभ, काम, क्रोध, लोभ, अधर्म और बुराई का प्रतीक मानते हैं और उससे घृणा करते हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यहां यह है कि
जय आद्या शक्ति, माँ जय आद्या शक्ति, अखंड ब्रह्माण्ड दीपाव्यां (2) पडवे प्रगटयां माँ..ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।। द्वितीय बेई स्वरूप, शिवशक्ति जाणुं, माँ शिवशक्ति जाणुं, ब्रह्मा गणपती गायें