अस्पताल में आधा घंटा
आज मैं अपने दादा जी को अस्पताल में देखने गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और आज उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मैं उन्हें देखने के लिए सुबह जल्दी उठा और अस्पताल गया।
अस्पताल में पहुंचने पर मैंने देखा कि वहां बहुत भीड़ थी। लोग डॉक्टरों और नर्सों से मिलने के लिए इंतजार कर रहे थे। मैं भी दादा जी के कमरे में जाने के लिए इंतजार करने लगा।
आखिरकार, मेरा नंबर आया और मैं दादा जी के कमरे में गया। वे बिस्तर पर लेटे हुए थे और बहुत कमजोर लग रहे थे। मैंने उनसे पूछा कि उन्हें कैसा लग रहा है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें थोड़ा अच्छा लग रहा है।
मैं उनके पास बैठ गया और उनके साथ कुछ देर बात की। हमने परिवार और दोस्तों के बारे में बात की। बात करते-वक्त मुझे महसूस हुआ कि दादा जी बहुत अकेला महसूस कर रहे हैं।
मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि मैं हर रोज उनसे मिलने आऊंगा। मैंने उन्हें कहा कि मैं उनके लिए प्रार्थना कर रहा हूं और भगवान जल्द ही उन्हें ठीक कर देंगे।
आधे घंटे बाद, मुझे घर जाने के लिए जाना पड़ा। मैं दादा जी को छोड़कर जाने के लिए बहुत दुखी था। मैं उन्हें जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।
अस्पताल में बिताया हुआ आधा घंटा मेरे लिए बहुत यादगार था। मैंने दादा जी को देखा और उनके साथ बात की। मैंने उनके साथ अपना समय बिताया और उन्हें खुशी दी।
अस्पताल में आधा घंटा के दौरान मैंने जो कुछ देखा और महसूस किया वह निम्नलिखित है:
- अस्पताल में बहुत भीड़ थी। लोग बीमार थे और डॉक्टरों और नर्सों से मिलने के लिए इंतजार कर रहे थे।
- दादा जी बहुत कमजोर लग रहे थे। वे बीमार थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
- मैंने दादा जी के साथ कुछ देर बात की। हमने परिवार और दोस्तों के बारे में बात की।
- मैं दादा जी को छोड़कर जाने के लिए बहुत दुखी था। मैं उन्हें जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।
अस्पताल में आधा घंटा का मेरा अनुभव एक ऐसा अनुभव था जिसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा। यह एक ऐसी याद है जो मुझे हमेशा प्रेरित करती रहेगी।