मंगल ग्रह को ज्योतिषशास्त्र में उग्र ग्रह कहा गया है। कुण्डली में इसकी स्थिति अनुकूल नहीं होने पर व्यक्ति क्रोधी होता है। बात-बात में किसी से उलझ पड़ना या चोट लगते रहना अशुभ मंगल की निशानी है। ऎसे लोगों के विवाह में कई अड़चनें आती हैं और वैवाहिक जीवन में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिषशास्त्री चन्द्रप्रभा बताती हैं कि मंगल के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए ज्योतिषशास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। सबसे आसान तरीका तो यह है कि किसी भी मंगलवार के दिन हनुमान जी को लाल रंग का लंगोटा और सिंदूर भेंट कीजिए।
हनुमान जी मंगलवार के स्वामी माने जाते हैं इसलिए मंगल के उपाय में हनुमान जो खुश करने का विधान है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए मंगलवार के दिन व्रत करके शाम के समय बूंदी का प्रसाद बांटने से भी मंगल का अमंगल दूर होता है।
सभी ग्रह के अपने रत्न होते हैं जो ग्रहों की उर्जा को अवशोषित करके अनुकूल स्थिति बनाते हैं। मंगल का रत्न है मूंगा। मंगल को अनुकूल बनाने के लिए मूंगा रत्न धारण किया जा सकता है।
अगर इनमें से कोई उपाय नहीं कर पाते हैं तो कम से कम मंगलवार के दिन लाल कपड़ा पहनिए और सिंदूर का तिलक लगाईए। हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ भी मंगल को शुभ बनाने में सहायक होता है।