|

आरती दुर्गा जी की (Aarti Sri Durga Ji Ki)

आरती दुर्गा जी की (Aarti Sri Durga Ji Ki) जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निश दिन ध्यावत हरि ब्रह्‌मा शिवरी॥ मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना चन्द्रवदन नीको॥ कनक समान कलेवर रक्तांबर राजे। रक्तपुष्प की माला कंठन पर साजे॥ केहरि वाहन राजत खड्‌ग खप्पर धारी। सुर-नर-मुनि जन सेवत…

|

आरती गणेश जी की (Aarti Ganesh Ji Ki)

आरती गणेश जी की (Aarti Ganesh Ji Ki) जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी। माथे पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥  [ad name=”HTML”] हार चढ़ै , फूल चढ़ै और…

|

श्री जानकीनाथ जी की आरती (Shri Janki Nath Ji Ki Aarti)

श्री जानकीनाथ जी की आरती (Shri Janki Nath Ji Ki Aarti) ओउम जय जानकिनाथा, हो प्रभु जय श्री रघुनाथा। दोउ कर जोड़े विनवौं, प्रभु मेरी सुनो बाता॥ ओउम॥ तुम रघुनाथ हमारे, प्राण पिता माता। तुम हो सजन संघाती, भक्ति मुक्ति दाता ॥ ओउम॥ चौरासी प्रभु फन्द छुड़ावो, मेटो यम त्रासा। निश दिन प्रभु मोहि राखो,…

|

आरती श्री शनि देव जी की Shri Shani Dev Ji Ki Aarti

आरती श्री शनि देव जी की Shri Shani Dev Ji Ki Aarti जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी, सूर्य पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय जय शनि देव॥ श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी, नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय ॥ क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी, मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी॥…

|

श्री रामायण जी की आरती (Aarti Shri Ramayan Ji ki)

श्री रामायण जी की आरती (Aarti Shri Ramayan Ji ki) महर्षि वाल्मीकि आरति श्री रामायण जी की। कीरति कलित ललित सिय पी की॥ गावत ब्रह्‌मादिक मुनि नारद। बाल्मीकि बिग्यान बिसारद॥ सुक सनकादि सेष अरु सारद। बरन पवनसुत कीरति नीकी॥१॥ गावत बेद पुरान अष्टदस। छओ सास्त्र सब ग्रंथन को रस॥ मुनि जन धन संतन को सरबस।…

|

आरती श्री रघुवर जी की (Aarti Shri Raghuvar Ji Ki)

आरती श्री रघुवर जी की (Aarti Shri Raghuvar Ji Ki) आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥ दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन॥ अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोत्तम वर की॥ निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि॥ हरण शोक-भय दायक नव निधि,…

|

आरती श्री शिव जी की (Aarti Shri Shiv Ji Ki)

आरती श्री शिव जी की (Aarti Shri Shiv Ji Ki) जय शिव ओंकारा, हर शिव ओंकारा, ब्रह्‌मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा। एकानन चतुरानन पंचानन राजै हंसानन गरुणासन वृषवाहन साजै। दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहै, तीनों रूप निरखते त्रिभुवन मन मोहे। अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी, चन्दन मृगमद चंदा सोहै त्रिपुरारी। श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे,…

|

आरती श्री सूर्यदेव जी की Aarti Shri Surya Dev Ji Ki

आरती श्री सूर्यदेव जी की Aarti Shri Surya Dev Ji Ki जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव। राजनीति मदहारी शतदल जीवन दाता। षटपद मन मुदकारी हे दिनमणि ताता। जग के हे रविदेव, जय जय जय रविदेव। नभमंडल के वासी ज्योति प्रकाशक देवा। निज जनहित सुखसारी तेरी हम सब सेवा। करते हैं रवि देव,…

|

आरती श्री साईं जी की Shri Sai Baba Ki Aarti (Arti Sainath Ki), Sai Ram ki Arti

आरती श्री साईं जी की Shri Sai Baba Ki Aarti (Arti Sainath Ki), Sai Ram ki Arti आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। जा की कृपा विपुल सुखकारी, दुख शोक संकट भयहारी। शिरडी में अवतार रचाया, चमत्कार से तत्व दिखाया। कितने भक्त चरण पर आये, वे सुख शान्ति चिरंतन पाये। भाव धरै…

|

आरती श्री महावीर जी की ||Shri Mahaveer Swami Ki Aarti ||

आरती श्री महावीर जी की ||Shri Mahaveer Swami Ki Aarti || जय महावीर प्रभो। स्वामी जय महावीर प्रभो। जगनायक सुखदायक, अति गम्भीर प्रभो।।ओउम।। कुण्डलपुर में जन्में, त्रिशला के जाये। पिता सिद्धार्थ राजा, सुर नर हर्षाए।।ओउम।। दीनानाथ दयानिधि, हैं मंगलकारी। जगहित संयम धारा, प्रभु परउपकारी।।ओउम।। पापाचार मिटाया, सत्पथ दिखलाया। दयाधर्म का झण्डा, जग में लहराया।।ओउम।। अर्जुनमाली…