Essay – Nibandh

आरती श्री शिव जी की (Aarti Shri Shiv Ji Ki)

आरती श्री शिव जी की (Aarti Shri Shiv Ji Ki) जय शिव ओंकारा, हर शिव ओंकारा, ब्रह्‌मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा। एकानन चतुरानन पंचानन राजै हंसानन गरुणासन वृषवाहन साजै। दो

आरती श्री महावीर जी की ||Shri Mahaveer Swami Ki Aarti ||

आरती श्री महावीर जी की ||Shri Mahaveer Swami Ki Aarti || जय महावीर प्रभो। स्वामी जय महावीर प्रभो। जगनायक सुखदायक, अति गम्भीर प्रभो।।ओउम।। कुण्डलपुर में जन्में, त्रिशला के जाये। पिता

आरती भगवती महालक्ष्मी जी की || Shri Mahalaxmi Ji Ki Aarti (Arti)||

आरती भगवती महालक्ष्मी जी की || Shri Mahalaxmi Ji Ki Aarti (Arti)|| ओउम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत, हर विष्णु विधाता।। ओउम।। उमा रमा ब्रह्माणी,