श्री विंध्यवासिनी माता स्तोत्रम

ध्यानः नंद गोप गृहे जाता यशोदा गर्भसम्भवा| ततस्तो नाश यष्यामि विंध्याचल निवासिनी || ||श्री विंध्यवासिनी माता स्तोत्रम|| निशुम्भशुम्भमर्दिनी, प्रचंडमुंडखंडनीम | वने रणे प्रकाशिनीं, भजामि विंध्यवासिनीम ||१|| त्रिशुलमुंडधारिणीं, धराविघातहारणीम | गृहे गृहे निवासिनीं, भजामि विंध्यवासिनीम ||२|| दरिद्रदु:खहारिणीं, संता विभूतिकारिणीम | वियोगशोकहारणीं, भजामि विंध्यवासिनीम ||३|| लसत्सुलोललोचनां, लता सदे वरप्रदाम | कपालशूलधारिणीं, भजामि विंध्यवासिनीम ||४|| करे मुदागदाधरीं, शिवा…