श्री विंध्यवासिनी माता स्तोत्रम ध्यानः नंद गोप गृहे जाता यशोदा गर्भसम्भवा| ततस्तो नाश यष्यामि विंध्याचल निवासिनी || ||श्री विंध्यवासिनी माता स्तोत्रम|| निशुम्भशुम्भमर्दिनी, प्रचंडमुंडखंडनीम | वने रणे प्रकाशिनीं, भजामि विंध्यवासिनीम ||१|| त्रिशुलमुंडधारिणीं, धराविघातहारणीम | गृहे admin8 years agoRead More