Aarti meaning in marathi
Shri Hanuman Ji Ki Aarti in Hindi and English श्री हनुमान जी की आरती (Shri Hanuman Ji Ki Aarti) आरति कीजै हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ||
॥ आरती श्रीमद्भागवतमहापुराण की ॥ Srimad Bhagavata Mahapurana ki Aarti आरती अतिपावन पुरान की । धर्म-भक्ति-विज्ञान-खान की ॥ टेक ॥ महापुराण भागवत निर्मल । शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल ॥ परमानन्द सुधा-रसमय कल
मंगलवार व्रत की आरती Mangalvar Vrat Ki Aarti मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता, मंगल मंगल देव अनन्ता हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे शंकर सुवन केसरी नन्दन,
श्री जानकीनाथ जी की आरती (Shri Janki Nath Ji Ki Aarti) ओउम जय जानकिनाथा, हो प्रभु जय श्री रघुनाथा। दोउ कर जोड़े विनवौं, प्रभु मेरी सुनो बाता॥ ओउम॥ तुम रघुनाथ
आरती श्री शनि देव जी की Shri Shani Dev Ji Ki Aarti जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी, सूर्य पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय जय शनि देव॥ श्याम
आरती श्री सूर्यदेव जी की Aarti Shri Surya Dev Ji Ki जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव। राजनीति मदहारी शतदल जीवन दाता। षटपद मन मुदकारी हे दिनमणि ताता।
आरती श्री साईं जी की Shri Sai Baba Ki Aarti (Arti Sainath Ki), Sai Ram ki Arti आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। जा की कृपा विपुल
आरती श्री महावीर जी की ||Shri Mahaveer Swami Ki Aarti || जय महावीर प्रभो। स्वामी जय महावीर प्रभो। जगनायक सुखदायक, अति गम्भीर प्रभो।।ओउम।। कुण्डलपुर में जन्में, त्रिशला के जाये। पिता
आरती श्री गिरिराज जी की || Shri Giriraj Ji Ki Aarti || ओउम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज।।