आरती श्री परशुराम जी की || Aarti Shri Parashuram Ji Ki ||
आरती श्री परशुराम जी की || Aarti Shri Parashuram Ji Ki || [ad name=”HTML”]
आरती श्री परशुराम जी की || Aarti Shri Parashuram Ji Ki || [ad name=”HTML”]
आरती भगवती महालक्ष्मी जी की || Shri Mahalaxmi Ji Ki Aarti (Arti)|| ओउम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत, हर विष्णु विधाता।। ओउम।। उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।। ओउम।। दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि पाता।। ओउम।। तुम पाताल निवासिनि,…
आरती श्री सरस्वती माँ की || Shri Saraswati Maa Ki Aarti || आरती करूं सरस्वती मातु, हमारी हो भव भय हारी हो। हंस वाहन पदमासन तेरा, शुभ्र वस्त्र अनुपम है तेरा।। रावण का मन कैसे फेरा, वर मांगत बन गया सवेरा। यह सब कृपा तिहारी, उपकारी हो मातु हमारी हो।। तमोज्ञान नाशक तुम रवि हो,…
आरती श्री खाटू श्याम जी की || Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti || ओउम जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे। निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे। हरि ओउम जय श्री श्याम हरे।। गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे। पीत बसन पीताम्बर, कुण्डल कर्ण पड़े। हरि ओउम जय श्रीश्याम…
ओउम जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे। पिता तुम्हारे अजमल मैया मेनादे।। ओउम जय।। रूप मनोहर जिसका घोड़े असवारी। कर में सोहे भाला मुक्तामणि धारी।। ओउम जय।। विष्णु रूप तुम स्वामी कलियुग अवतारी। सुरनर मुनिजन ध्यावे जावे बलिहारी।। ओउम जय।। दुख दलजी का तुमने भर में टारा। सरजीवन भाण को तुमने कर डारा।। ओउम…
ह्या आरत्या आमच्या घरी गणपती येतो तेव्हा म्हणतात आरत्या सुखकर्ता दुःखहर्ता – लवथवती विक्राळा दुर्गे दुर्घट भारी त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त युगें अठ्ठावीस विटेवरी उभा येई हो विठ्ठले आरती ज्ञानराजा सत्राणे उड्डाणे हुंकार वदनीं आरतीनंतर श्लोक घालीन लोटांगण सदा सर्वदा कैलासराणा शिव चंद्रामौळी ज्या ज्या ठिकाणी मन जाय माझे मोरया मोरया मी बाळ तान्हे अलंकापुरी पुण्यभुमी…
Shree Ravidas Chalisa Shree Ravidas Ji ki Aarati
श्री गोपाल चालीसा