Shree DhanLakshmi Stotram

Shree DhanLakshmi Stotram

॥ धनलक्ष्मीस्तोत्रम् ॥Shree DhanLakshmi Stotram धनदा उवाच देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम् । कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम् ॥ देव्युवाच ब्रूहि वल्लभ साधूनां दरिद्राणां कुटुम्बिनाम् ।  दरिद्र दलनोपायमंजसैव धनप्रदम् ॥