Yatra at Maa Bamleshwari Temple – Maa Bamleshwari Dongargarh Live Darshan
डोंगरगढ़ मंदिर: महाराष्ट्र का प्रसिद्ध शक्तिपीठ
डोंगरगढ़ मंदिर महाराष्ट्र के ठाणे जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर मां बम्लेश्वरी को समर्पित है। मां बम्लेश्वरी को दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है। इस मंदिर में मां बम्लेश्वरी की एक भव्य प्रतिमा स्थापित है। यह प्रतिमा लगभग 10 फीट ऊंची है।
डोंगरगढ़ मंदिर में कितनी सीढ़ियां हैं?
डोंगरगढ़ मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 1000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इन सीढ़ियों को “बम्लेश्वरी की सीढ़ियां” कहा जाता है। इन सीढ़ियों के दोनों ओर पेड़-पौधे और फूल लगे हुए हैं। यह सीढ़ियां मंदिर के मार्ग को और भी सुंदर बनाती हैं।
डोंगरगढ़ मंदिर का इतिहास
डोंगरगढ़ मंदिर का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना है। इस मंदिर का निर्माण राजा परशुराम ने किया था। कहा जाता है कि राजा परशुराम ने यहां देवी दुर्गा की तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी दुर्गा ने उन्हें वरदान दिया था।
डोंगरगढ़ मंदिर कहां है?
डोंगरगढ़ मंदिर महाराष्ट्र के ठाणे जिले में स्थित है। यह मंदिर ठाणे शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर है। मंदिर के पास ही एक गांव है जिसका नाम भी डोंगरगढ़ है।
माँ बम्लेश्वरी का इतिहास
माँ बम्लेश्वरी को दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है। कहा जाता है कि देवी दुर्गा ने यहां एक बाघिन का रूप धारण किया था। बाघिन के रूप में मां बम्लेश्वरी ने यहां राक्षसों का वध किया था। इसलिए उन्हें “बम्लेश्वरी” कहा जाता है।
डोंगरगढ़ मंदिर के दर्शन का समय
डोंगरगढ़ मंदिर सुबह 5:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है। मंदिर में दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
डोंगरगढ़ मंदिर के आसपास के दर्शनीय स्थल
डोंगरगढ़ मंदिर के आसपास कई अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं। इनमें से कुछ प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं:
महाराष्ट्र प्राणी उद्यान: यह उद्यान डोंगरगढ़ मंदिर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। इस उद्यान में विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों को देखा जा सकता है।
मंगलमूर्ती धाम: यह मंदिर डोंगरगढ़ मंदिर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
समुद्रकिनारा: डोंगरगढ़ मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर दूर समुद्र तट स्थित है। यह समुद्र तट काफी सुंदर है।
डोंगरगढ़ मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर मां बम्लेश्वरी को समर्पित है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं।
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