आपकी कुण्डली में भी ऋण योग तो नहीं
एक जमाना था जब लोग कर्ज लेना उचित नहीं समझते थे। माना जाता था कि कर्ज लेने से लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और बरकत चली जाती है। इसलिए लोगों के पास जितना होता था उसी से गुजारा करने की कोशिश करते थे। लेकिन वर्तमान में स्थिति बदल चुकी है। लोग घर के लिए, गाड़ी के लिए, फैक्ट्री और दूसरे कई कार्यों में लिए कर्ज लेते हैं।
स्थिति यह है कि कर्ज नहीं मिलने पर अब लोग परेशान होते हैं। लेकिन समस्या तब आ जाती है जब आय में बाधा आने के बाद कर्ज चुकाना भारी पड़ने लगता है। ऐसे समय में कर्ज बोझ की तरह प्रतीत होने लगता है। अगर आपने भी लोन लिया है या लेने की सोच रहें हैं तो देखिए कि क्या आपकी कुण्डली में भी है कर्ज योग और क्या आप समय पर कर्ज चुका पाएंगे।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म वृष अथवा सिंह राशि में होता है उनकी कुण्डली में बुध अगर गुरू के साथ आठवें घर में हो, तब व्यक्ति का आधा जीवन सुखमय रहता है लेकिन बाद में कर्ज के कारण तकलीफ उठानी पड़ती है। जिनकी कुण्डली में सूर्य और शनि पहले घर में एक साथ बैठे होते हैं उनका धन अदालती मामलों में व्यय होता जिससे धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
बारहवें घर में सूर्य का होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति का खर्च आय से अधिक होता है। ऐसे लोग अगर व्यय पर नियंत्रण नहीं रखें तो बजट बिगड़ता है और व्यक्ति को बार-बार कर्ज लेना पड़ता है। ज्योतिषशास्त्र में कर्ज संबंधी विषयों के लिए कुण्डली का छठा घर देखा जाता है। जिनकी कुण्डली में छठे घर का स्वामी मंगल, शनि, सूर्य होता है और यह आठवें अथवा बारहवें घर में होता उन्हें कर्ज लेने से बचना चाहिए, क्योंकि कर्ज चुकाना इनके लिए काफी कठिन हो जाता है।
छठे भाव का स्वामी ग्रह जिनकी कुण्डली में कमज़ोर होता है अथवा मंगल, शनि, राहु या केतु के प्रभाव में होता है इन्हें भी कर्ज लेना पड़ता है और कर्ज चुकाने में कठिनाई आती है। कुण्डली में दसवां, ग्यारवां एवं दूसरा घर जिनका शुभ ग्रहों के प्रभाव में होता है वह कर्ज लेते भी हैं तो उन पर कर्ज का दबाव नहीं रहता है। आय में वृद्घि होती रहती है और समय से कर्ज मुक्त हो जाते हैं।
कर्ज मुक्ति के ज्योतिषीय उपाय
ज्योतिषशास्त्र में कर्ज मुक्ति के लिए कई उपाय बताए गये हैं। जिन लोगों के ऊपर कर्ज का दबाव बढ़ रहा है वह चाहें तो कर्ज मुक्ति के लिए ज्योतिषशास्त्र के आसान उपायों को आजमाकर देख सकते हैं। प्रतिदिन कनकधारा स्तोत्र अथवा विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें। इन दोनों स्तोत्रों को धन वृद्घि करने वाला माना गया है। उगते हुए सूर्य को तांबे के बर्तन में गुड़ मिलाकर अर्पित करने से भी आय में वृद्घि होती है और कर्ज से मुक्ति मिलती है।