वैज्ञानिकों ने अहिरावण के पाताल लोक खोज निकालने का दावा किया
Found Patal Lok of Ahiravan Rakshas
वैज्ञानिकों ने उस स्थान को खोज निकालने का दावा किया है जिसका वर्णन रामायण में पाताल लोक के रूप में है। हनुमानजी ने यहीं से भगवान राम व लक्ष्मण को पातालपुरी के राजा अहिरावण के चंगुल से मुक्त कराया था। यह स्थान मध्य अमेरिकी महाद्वीप में पूर्वोत्तर होंडुरास के जंगलों के नीचे दफन है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने लाइडर तकनीकी से इस स्थान का 3-डी नक्शा तैयार किया है, जिसमें जमीन की गहराइयों में गदा जैसा हथियार लिए वानर देवता की मूर्ति होने की पुष्टि हुई है।1940 में हुई थी जानकारीअमेरिकी वैज्ञानिकों की इस खोज की पुष्टि एसएमएस (स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज)के निदेशक व वैदिक विज्ञान केन्द्र के प्रभारी प्रो. भरत राज सिंह ने की है।
उन्होंने बताया कि प्रथम विश्वयुद्ध के बाद एक अमेरिकी पायलट ने होंडुरास के जंगलों में कुछ अवशेष देखे थे। उसकी पहली जानकारी अमेरिकी खोजकर्ता थिंयोडोर मोर्ड ने 1940 में दी थी।एक अमेरिकी पत्रिका में उसने उस प्राचीन शहर में वानर देवता की पूजा होने की बात भी लिखी थी, लेकिन उसने जगह का खुलासा नहीं किया था। बाद में रहस्यमय तरीके से थियोडोर की मौत हो गई और जगह का रहस्य बरकरार रहा।लाइडर तकनीक से खोजा प्राचीन शहरकरीब 70 साल बाद अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी व नेशनल सेंटर फार एयरबोर्न लेजर मैपिंग के वैज्ञानिकों ने होंडुरास के घने जंगलों में मस्कीटिया नामक स्थान पर लाइडर नामक तकनीक से जमीन के नीचे 3-डी मैपिंग की, जिसमें प्राचीन शहर का पता चला। इसमें जंगल के ऊपर से विमान से अरबों लेजर तरंगें जमीन पर फेंकी गईं। इससे 3-डी डिजिटल नक्शा तैयार हो गया।3-डी नक्शे में जमीन के नीचे गहराइयों में मानव निर्मित कई वस्तुएं दिखाई दीं।
इसमें हाथ में गदा जैसा हथियार लिए घुटनों के बल बैठी हुई है वानर मूर्ति भी दिखी है। हालांकि होंडुरास के जंगल की खुदाई पर प्रतिबंध के कारण इस स्थान की वास्तविक स्थिति का पता लग पाना मुश्किल है।इतिहासकार भी मानते हैं प्राचीन शहर में वानर पूजाअमेरिकी इतिहासकार भी मानते हैं कि पूर्वोत्तर होंडुरास के घने जंगलों के बीच मस्कीटिया नाम के इलाके में हजारों साल पहले एक गुप्त शहर सियूदाद ब्लांका का वजूद था। वहां के लोग एक विशालकाय वानर मूर्ति की पूजा करते थे।
प्रो. भरत राज सिंह ने बताया कि बंगाली रामायण में पाताल लोक की दूरी 1000 योजन बताई गई है, जो लगभग 12,800 किलोमीटर है।यह दूरी सुरंग के माध्यम से भारत व श्रीलंका की दूरी के बराबर है। रामायण में वर्णन है कि अहिरावण के चंगुल से भगवान राम व लक्ष्मण को छुड़ाने के लिए बजरंगबली को पातालपुरी के रक्षक मकरध्वज को परास्त करना पड़ा था। मकरध्वज बजरंगबली के ही पुत्र थे, लिहाजा उनका स्वरूप बजरगंबली जैसा ही था। अहिरावण के वध के बाद भगवान राम ने मकरध्वज को ही पातालपुरी का राजा बना दिया था। जमीन के नीचे वानर मूर्ति मिलने के बाद अनुमान लगाया जा सकता है कि बाद में वहां के लोग मकरध्वज की ही मूर्ति की पूजा करने लगे होंगे।
Very revealing information about location of Ahiravan’s Pataal kingdom in central America. It shows that the story of Ramayana is history. We find remnants of the Ramayana era in India, Indonesia, Sri Lanka and elsewhere too. The godly attributes of various characters of Ramayana must also be true. It is unfolding now and may eventually be realized as true in future.