ईको बाबा ने डेढ़ सौ किलोमीटर लंबी काली बीन नदी को नया जीवन दिया
सड़ चुकी नदी के लिए मसीहा बना ये शख्स, बिना सरकारी मदद किया कमाल
लगन और जज्बा हो तो इंसान पहाड़ का सीना चीर डालता है और नदियों का रुख मोड़ डालता है। कुछ ऐसा ही जज्बा है ईको बाबा के भीतर जिन्होने बिना सरकारी मदद के डेढ़ सौ किलोमीटर लंबी काली बीन नदी को नया जीवन दिया।स्वार्थी जमाने के ठीक उलट निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा का बीड़ा उठाने वाले पंजाब के बलबीर सिंह एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने नदी साफ करने की कसम को हर हाल में पूरा कर डाला। बलबीर सिंह बिना किसी सरकारी मदद के ही 160 किमी लंबी नदी की सफाई कर चर्चा और प्रेरणा का विषय बन चुके हैं।बलबीर सिंह के काम लिए अब उन्हें इको बाबा के नाम से भी जाना जाता है। स्वयं सेवकों के जरिए उन्होंने जिस तरह पूरी नदी की सफाई की वह ध्यान देने योग्य है।
बाबा के रूप में निकली आशा की किरण
पंजाब के चर्चित पर्यावरणविद और समाजसेवी बलबीर सिंह ने सन 2000 में निर्णय लिया था कि वह गांवों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी को स्थानीय काली बीन नदी में जाने से रोकेंगे जो नदी को समाप्त कर रहा था।द बेटर इंडिया के अनुसार, उस वक्त यह नदी पूरे प्रदेश में गंदगी की वजह से उपेक्षा का शिकार बनी हुई थी। कुछ इलाको में तो नदी सूख भी चुकी थी और कूड़े कचरे का मुख्य स्थल बन चुकी थी।नदी की इस दुर्दशा के कारण स्थानीय किसानों को पानी की भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा था। तभी ईको बाबा बलबीर सिंह के रूप में एक आशा की किरण सामने आई।
बाबा के कहने पर तैयार हुए 24 गांव के लोग
बाबा ने नदी की गंदगी और जल संकट को देखते हुए गांव-गांव जाकर नदी की सफाई के बारे में लोगों को जागरूक किया और नदी की सफाई में सहयोग करने के लिए लोगों को तैयार किया।ईको बाबा को सरकारी मदद की न तो उम्मीद थी और न ही सरकारी मदद मिली। उन्होंने ये काम चंदे और श्रमदान के बल पर किया। 24 गांव के लोगों ने बाबा के साथ मिलकर नदी की सफाई का काम शुरू किया।बाबा बलबीर सिंह और उनके स्वयं सेवकों ने मिलकर अपने हाथ से नदी की सफाई की और नदी में गंदा पानी छोड़ने पर भी पाबंदी लगाई। ग्रामीणों ने नदी में जमा गोंद और खरपतवार को जड़ से साफ किया।
मेहनत को देखकर सरकार भी झुकी
कई महीनों तक चले सफाई अभियान के बाद जब बरसात आई तो नदी फिर पहले की तरह ही पानी से भर गई और अपनी निश्चल जल धारा को वापस पाने में कामयाब हो गई।सरकार ने इको बाबा के इस काम को सराहा और नदी से दूर भूमिगत नाला बनवाने की उनकी मांग स्वीकार की। इस नाले के बनने से सीवर का पानी नदी में गिरना बंद हो गया।बताया जा रहा है कि बाबा बलबीर सिंह अब तक कई स्कूल कॉलेज बनवाने जैसे काम भी कर चुके हैं। इनके मार्गदर्शन पर अब योगधारी टेक्निकल रिचर्स सेंटर भी स्थापित हुआ है।
May God give health and long life to this great man. His story is inspiring and worthy of emulation throughout the country.
The person who has circulated this story also deserves thanks. A comic book like ‘Amar Chitra Katha’ should be brought out to take his message to children and adults.
Aise hazaro Baba humen Bhagvan de iss mulk ko de hum sab inki balki apni khud ki madad karen bhagvan baba ko lambi umar de