गोस्वामी तुलसीदास का हनुमानजी से कैसे मिलना हुया था? क्या वास्तव में हनुमान जी ने उन्हें भगवान राम के दर्शन करवाये थे? तो चलिए शुरू करते हैं जब भगवान श्री
श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र यह स्तोत्र सभी रोगों के निवारण में, शत्रुनाश, दूसरों के द्वारा किये गये पीड़ा कारक कृत्या अभिचार के निवारण, राज-बंधन विमोचन आदि कई प्रयोगों में काम
यदि आपके ऊपर जादू- टोना , तंत्र-मंत्र है तो उसके के वार को निष्फल करे गीता पाठ के द्वारा---- ग्रहों के प्रभाव को दूर करने का भी है अचूक उपचार
॥ श्रीषष्ठीदेवि स्तोत्रम् ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ ध्यानम् । श्रीमन्मातरमम्बिकां विधि मनोजातां सदाभीष्टदांस्कन्देष्टां च जगत्प्रसूं विजयदां सत्पुत्र सौभाग्यदाम् । सद्रत्नाभरणान्वितां सकरुणां शुभ्रां शुभां सुप्रभांषष्ठांशां प्रकृतेः परां भगवतीं श्रीदेवसेनां भजे
|| परशुरामस्तोत्रम् || कराभ्यां परशुं चापं दधानं रेणुकात्मजम् जामदग्न्यं भजे रामं भार्गवं क्षत्रियान्तकम् ||१|| नमामि भार्गवं रामं रेणुकाचित्तनंदनम् मोचिताम्बार्तिमुत्पातनाशनं क्षत्रनाशनम् || २ || भयार्तस्वजनत्राणतत्परं धर्मतत्परम् गतवर्गप्रियं शूरं जमदग्निसुतं मतम् ||
श्रीरामरक्षास्तोत्र का पाठ समस्त विघ्न बाधाओं से रक्षा! विनियोगःअस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः। श्री सीतारामचंद्रो देवता । अनुष्टुप् छंदः। सीता शक्तिः। श्रीमान हनुमान् कीलकम्। श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः। अथ ध्यानम्:ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं