नवग्रह पूजा (Navgrah Puja) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। नवग्रह पूजा से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाई जा सकती है। इस लेख में हम आपको नवग्रह पूजा की संपूर्ण विधि, मंत्र और उपाय बताएँगे।
नवग्रह पूजा का महत्व (Importance of Navgrah Puja)
नवग्रह पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पूजा नौ ग्रहों की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। नवग्रह पूजा से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाई जा सकती है।
नवग्रह पूजा विधि (Navgrah Puja Vidhi)
नवग्रह पूजा की संपूर्ण विधि निम्नलिखित है:
1. पूजा की तैयारी (Preparation for Puja)
- दिन और समय: नवग्रह पूजा किसी भी शुभ दिन की जा सकती है, लेकिन ग्रहण, अमावस्या या पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से की जाती है। सुबह या शाम का समय चुनें।
- सामग्री (Puja Samagri):
- नवग्रह यंत्र
- नवग्रह मूर्ति या चित्र
- रंग-बिरंगे फूल (प्रत्येक ग्रह के अनुसार)
- धूप, दीपक, अगरबत्ती
- जल, दूध, दही, शहद, घी (पंचामृत)
- फल, मिठाई और प्रसाद
2. पूजा विधि (Step-by-Step Puja Process)
- स्नान और शुद्धि: सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- आसन: पूजा स्थल पर आसन बिछाकर नवग्रह यंत्र या मूर्ति स्थापित करें।
- कलश स्थापना: कलश में जल भरकर उस पर नारियल रखें और मंगलकामना करें।
- नवग्रह मंत्रों का जाप: प्रत्येक ग्रह के मंत्रों का जाप करें (मंत्र नीचे दिए गए हैं)।
- पंचामृत अभिषेक: नवग्रह यंत्र या मूर्ति पर पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, जल) से अभिषेक करें।
- फूल और फल अर्पण: प्रत्येक ग्रह के अनुसार फूल और फल अर्पित करें।
- आरती: नवग्रह देवताओं की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
नवग्रह मंत्र (Navgrah Mantras)
नवग्रह पूजा में प्रत्येक ग्रह के लिए अलग-अलग मंत्रों का जाप किया जाता है। यहाँ प्रत्येक ग्रह के मंत्र दिए गए हैं:
1. सूर्य (Sun)
मंत्र:
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
जाप विधि: इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
2. चंद्र (Moon)
मंत्र:
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः।
जाप विधि: इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
3. मंगल (Mars)
मंत्र:
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।
जाप विधि: इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
4. बुध (Mercury)
मंत्र:
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
जाप विधि: इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
5. गुरु (Jupiter)
मंत्र:
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।
जाप विधि: इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
6. शुक्र (Venus)
मंत्र:
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
जाप विधि: इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
7. शनि (Saturn)
मंत्र:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
जाप विधि: इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
8. राहु (Rahu)
मंत्र:
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
जाप विधि: इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
9. केतु (Ketu)
मंत्र:
ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।
जाप विधि: इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
नवग्रह पूजा के उपाय (Remedies for Navgrah Dosha)
नवग्रह दोष को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय करें:
1. ग्रहों के अनुसार दान (Donations as per Planets)
- सूर्य: गेहूँ, गुड़, तांबे के बर्तन।
- चंद्र: चावल, सफेद वस्त्र, चाँदी के बर्तन।
- मंगल: मसूर की दाल, लाल वस्त्र, गुड़।
- बुध: मूंग की दाल, हरा वस्त्र, पन्ना रत्न।
- गुरु: पीले वस्त्र, चने की दाल, हल्दी।
- शुक्र: सफेद वस्त्र, चावल, चाँदी के बर्तन।
- शनि: काले तिल, सरसों का तेल, लोहे के बर्तन।
- राहु: नीले वस्त्र, उड़द की दाल, नीलम रत्न।
- के तु: भूरे वस्त्र, सरसों का तेल, लहसुनिया रत्न।
2. रत्न धारण (Wearing Gemstones)
- प्रत्येक ग्रह के अनुसार रत्न धारण करें, लेकिन ज्योतिषी की सलाह के बाद ही।
3. नियमित पूजा और मंत्र जाप
- प्रतिदिन नवग्रह मंत्रों का जाप करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
नवग्रह पूजा से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाई जा सकती है। नवग्रह पूजा करने से ग्रहों की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नवग्रह देवताओं की कृपा आप पर बनी रहे!