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Prasad Houni Lyrics In Marathi Pdf

Prasad houni lyrics in marathi pdf
Prasad houni lyrics in marathi pdf

1. श्लोक: श्री शंभोः शिवजातस्य, मुद्रा द्यौरिव राजते

  • हिंदी: शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी की मुद्रा (छाप) आकाश की तरह शोभायमान है।
  • English: The emblem of Sambhaji, the son of Shivaji Maharaj, shines like the sky.
  • Gujarati: શિવાજી મહારાજના પુત્ર સંભાજીની મુદ્રા આકાશની જેમ શોભે છે.

2. श्लोक: यदंकसेविनो लेखा, वर्तते कस्य नोपरि

  • हिंदी: जो उनकी शरण में आते हैं, उनका हिसाब (लेखा) किसी के ऊपर नहीं है।
  • English: Those who seek his refuge are accountable to none.
  • Gujarati: જે તેમની શરણામાં આવે છે, તેનો લેખા કોઈ પર નથી.

3. श्लोक: प्रसाद होऊनी, भवानी आईचा पुरंदरी

  • हिंदी: माँ भवानी की कृपा से, संभाजी महाराज एक अजेय किले की तरह प्रकट हुए हैं।
  • English: By the grace of Mother Bhavani, Sambhaji Maharaj emerged like an invincible fortress.
  • Gujarati: માતા ભવાનીની કૃપાથી, સંભાજી મહારાજ એક અજેય કિલ્લાની જેમ પ્રગટ્યા.

4. श्लोक: जणू प्रचंड दुर्ग जन्मला

  • हिंदी: मानो एक विशाल और अदम्य किले का जन्म हुआ हो।
  • English: As if a mighty and indomitable fortress was born.
  • Gujarati: જાણે એક વિશાળ અને અજેય કિલ્લો જન્મ્યો હોય તેમ.

5. श्लोक: दऱ्या, नभामधून, सप्त सागरामधून

  • हिंदी: नदियों, आकाश, और सात समुद्रों से भी परे।
  • English: Beyond rivers, the sky, and the seven seas.
  • Gujarati: નદીઓ, આકાશ અને સાત સમુદ્રોની પાર.

6. श्लोक: घोष शंभू शंभू येऊ लागला

  • हिंदी: संभाजी महाराज की कीर्ति और यश का घोष सभी ओर फैल गया है।
  • English: The proclamation of Sambhaji’s glory and fame has spread everywhere.
  • Gujarati: સંભાજી મહારાજની કીર્તિ અને યશનો ઘોષ સર્વત્ર ફેલાઈ ગયો છે.

7. श्लोक: कणखर तरी हळवा, शिवबासमान भासतो

  • हिंदी: वे कठोर होने के साथ-साथ कोमल भी हैं, और शिवाजी की तरह ही प्रतीत होते हैं।
  • English: He is both tough and gentle, resembling Shivaji himself.
  • Gujarati: તે કઠોર અને નરમ છે, અને શિવાજીની જેમ જ દેખાય છે.

8. श्लोक: मायभूमी ध्यास, श्वास भगव्यासी मानतो

  • हिंदी: उनका ध्यान मातृभूमि पर है, और उनकी हर सांस भगवान को समर्पित है।
  • English: His focus is on the motherland, and every breath of his is dedicated to God.
  • Gujarati: તેમનું ધ્યાન માતૃભૂમિ પર છે, અને તેમની દરેક શ્વાસ ભગવાનને સમર્પિત છે.

9. श्लोक: धर्मशील शौर्यपती, आसनास छत्रपती

  • हिंदी: वे धर्मनिष्ठ और वीर हैं, और छत्रपती के सिंहासन पर विराजमान हैं।
  • English: He is righteous and valiant, seated on the throne of Chhatrapati.
  • Gujarati: તે ધર્મનિષ્ઠ અને વીર છે, અને છત્રપતિના સિંહાસન પર વિરાજમાન છે.

10. श्लोक: केसरी अतुल्य शोभतो

  • हिंदी: वे एक अतुल्य केसरी (सिंह) की तरह शोभायमान हैं।
  • English: He shines like an incomparable lion (Kesari).
  • Gujarati: તે એક અતુલ્ય કેસરી (સિંહ)ની જેમ શોભે છે.

11. श्लोक: छावा शिवबाचा छावा

  • हिंदी: उनकी छत्रछाया शिवाजी की तरह ही है।
  • English: His protection is like that of Shivaji.
  • Gujarati: તેમની છત્રછાયા શિવાજીની જેમ છે.

12. श्लोक: धर्मरक्षणा ज्वलंत, अतिमहाबली शौर्यवंत

  • हिंदी: वे धर्म की रक्षा के लिए ज्वलंत और अत्यंत शक्तिशाली वीर हैं।
  • English: He is a blazing and immensely powerful warrior for the protection of dharma.
  • Gujarati: તે ધર્મની રક્ષા માટે જ્વલંત અને અત્યંત શક્તિશાળી વીર છે.

13. श्लोक: श्वेतमानी मनमहंत, रुद्र सदाशिव अनंत

  • हिंदी: उनका मन शुद्ध और महान है, और वे रुद्र (शिव) की तरह अनंत हैं।
  • English: His mind is pure and great, and he is infinite like Rudra (Shiva).
  • Gujarati: તેમનું મન શુદ્ધ અને મહાન છે, અને તે રુદ્ર (શિવ)ની જેમ અનંત છે.

14. श्लोक: सुशास्त्र-नीती-कीर्तिमंत, शौर्यवंत, राजसी

  • हिंदी: वे शास्त्रों और नीति के ज्ञाता, यशस्वी, वीर, और राजसी गुणों से भरपूर हैं।
  • English: He is knowledgeable in scriptures and policy, glorious, valiant, and royal.
  • Gujarati: તે શાસ્ત્રો અને નીતિના જ્ઞાતા, યશસ્વી, વીર અને રાજસી ગુણોથી ભરપૂર છે.

15. श्लोक: कुशाग्र बुद्धिवंत शोभला

  • हिंदी: उनकी तीक्ष्ण बुद्धि उन्हें और भी शोभायमान बनाती है।
  • English: His sharp intellect makes him even more radiant.
  • Gujarati: તેમની તીક્ષ્ણ બુદ્ધિ તેમને વધુ શોભાવે છે.

16. श्लोक: प्रजाजनास रक्षण्या, स्वराज्यसिंधू राखण्या

  • हिंदी: वे प्रजा की रक्षा करते हैं और स्वराज्य के सागर को बचाए रखते हैं।
  • English: He protects the people and safeguards the ocean of Swarajya.
  • Gujarati: તે પ્રજાની રક્ષા કરે છે અને સ્વરાજ્યના સાગરને સાચવે છે.

17. श्लोक: पुनश्च तेज:सूर्य लाभला

  • हिंदी: उन्होंने फिर से सूर्य के समान तेज प्राप्त किया है।
  • English: He has regained the radiance of the sun.
  • Gujarati: તેમણે ફરીથી સૂર્યના તેજનો લાભ મેળવ્યો છે.

18. श्लोक: छावा शिवबाचा छावा

  • हिंदी: उनकी छत्रछाया शिवाजी की तरह ही है।
  • English: His protection is like that of Shivaji.
  • Gujarati: તેમની છત્રછાયા શિવાજીની જેમ છે.

19. श्लोक: राजे हर संभाजी .. रं हा जी|

  • हिंदी: संभाजी महाराज की जय हो!
  • English: Victory to Sambhaji Maharaj!
  • Gujarati: સંભાજી મહારાજની જય!

छत्रपती संभाजी महाराज: एक वीर योद्धा और धर्मरक्षक

छत्रपती संभाजी महाराज, छत्रपती शिवाजी महाराज के ज्येष्ठ पुत्र और मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपती, एक वीर योद्धा, कुशल शासक, और धर्मरक्षक थे। उनका जीवन और संघर्ष मराठा इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। संभाजी महाराज ने न केवल अपने पिता के सपनों को आगे बढ़ाया, बल्कि मुगलों के विरुद्ध लड़ाई में अपनी वीरता और साहस का परिचय दिया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

संभाजी महाराज का जन्म 14 मई 1657 को पुरंदर किले में हुआ था। उनकी माता सईबाई थीं, जो शिवाजी महाराज की पहली पत्नी थीं। संभाजी बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली और बुद्धिमान थे। उन्होंने संस्कृत, मराठी, और फारसी भाषाओं में निपुणता हासिल की। साथ ही, उन्हें युद्ध कला, शास्त्र, और नीति का भी गहन ज्ञान था। उनकी शिक्षा-दीक्षा में उनके पिता शिवाजी महाराज और उनके गुरु कवि कलश का महत्वपूर्ण योगदान था।

शासन और उपलब्धियां

1680 में शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद संभाजी महाराज मराठा साम्राज्य के छत्रपती बने। उनके शासनकाल में मराठा साम्राज्य का विस्तार हुआ, और उन्होंने मुगलों के खिलाफ कई सफल युद्ध लड़े। संभाजी महाराज ने अपने पिता की नीतियों को आगे बढ़ाते हुए स्वराज्य की रक्षा की और हिंदवी स्वराज्य के सिद्धांतों को मजबूत किया।

संभाजी महाराज ने मुगल सम्राट औरंगजेब के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया। उन्होंने मुगलों की विशाल सेना के सामने घुटने नहीं टेके और अपने साहस और रणनीति से उन्हें कई बार पराजित किया। उनकी वीरता और युद्ध कौशल ने मराठा साम्राज्य को मजबूती प्रदान की।

धर्मरक्षक और संस्कृति प्रेमी

संभाजी महाराज न केवल एक वीर योद्धा थे, बल्कि वे धर्म और संस्कृति के भी रक्षक थे। उन्होंने हिंदू धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए मुगलों के अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनके शासनकाल में मराठा साम्राज्य में धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा मिला।

संभाजी महाराज स्वयं एक कवि और साहित्य प्रेमी थे। उन्होंने संस्कृत और मराठी में कई ग्रंथों की रचना की। उनकी रचनाओं में धर्म, नीति, और युद्ध कला के गहन ज्ञान का प्रतिबिंब देखा जा सकता है।

अंतिम संघर्ष और बलिदान

संभाजी महाराज का अंतिम संघर्ष मुगल सम्राट औरंगजेब के साथ हुआ। 1689 में संगमेश्वर के पास एक युद्ध के दौरान वे मुगलों के हाथों पकड़े गए। औरंगजेब ने उन्हें बंदी बनाकर उन पर अमानवीय अत्याचार किए। संभाजी महाराज ने धर्म परिवर्तन से इनकार कर दिया और अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे। अंततः 11 मार्च 1689 को उन्हें बेरहमी से मार दिया गया। उनका बलिदान मराठा इतिहास में एक गौरवशाली अध्याय है।

विरासत

संभाजी महाराज का जीवन और बलिदान मराठा साम्राज्य के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने अपने पिता के सपनों को आगे बढ़ाया और मराठा साम्राज्य को मजबूत किया। उनकी वीरता, धर्मनिष्ठा, और संस्कृति प्रेम ने उन्हें इतिहास में एक महान योद्धा और शासक के रूप में स्थापित किया। आज भी उनका नाम मराठा गौरव और हिंदवी स्वराज्य के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है।

संभाजी महाराज का जीवन हमें साहस, निष्ठा, और धर्मरक्षा की प्रेरणा देता है। उनका बलिदान यह सिखाता है कि सिद्धांतों और मातृभूमि की रक्षा के लिए हर बलिदान छोटा है।

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