Krishna Mangalacharan lyrics
krishna mangalacharan lyrics
हे स्तोत्र कवी मिलिंद माधव यांनी रचले आहे …… ॐ श्री अक्कलकोटस्वामी समर्थास नम: | ॐ नमो श्रीगजवदना | गणराया गौरीनंदना | विघ्नेशा भवभयहरणा | नमन माझे साष्टागी || १|| नंतर नमिली श्री सरस्वती | जगन्माता भगवती | ब्रम्ह्य कुमारी वीणावती | विद्यादात्री विश्वाची || २|| नमन तैसे गुरुवर्या | सुखनिधान सदगुरुराया | स्मरूनी…
स्वस्ति श्री गणनायकं गजमुखम, मोरेश्वरम सिद्धीधम ।
बल्लाळो मुरुडम विनायकमहम चिन्तामणि स्थेवरम।
लेण्याद्री गिरीजात्मकम सुरवरदम विघ्नेश्वरम् ओझरम ।
ग्रामो रांजण संस्थीतम गणपति।
कुर्यात सदा मंगलम, शुभ मंगल सावधान।।१।।
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Argala Stotra Argala Stotra in Hindi अर्गलास्तोत्रम् जयत्वंदेविचामुण्डेजयभूतापहारिणि। जयसर्वगतेदेविकालरात्रिनमोऽस्तुते॥१॥ जयन्तीमङ्गलाकालीभद्रकालीकपालिनी। दुर्गाशिवाक्षमाधात्रीस्वाहास्वधानमोऽस्तुते॥२॥ मधुकैटभविध्वंसिविधातृवरदेनमः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥३॥ महिषासुरनिर्नाशिभक्तानांसुखदेनमः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥४॥ धूम्रनेत्रवधेदेविधर्मकामार्थदायिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥५॥ रक्तबीजवधेदेविचण्डमुण्डविनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥६॥ निशुम्भशुम्भनिर्नाशित्रैलोक्यशुभदेनमः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥७॥ वन्दिताङ्घ्रियुगेदेविसर्वसौभाग्यदायिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥८॥ अचिन्त्यरूपचरितेसर्वशत्रुविनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥९॥ नतेभ्यःसर्वदाभक्त्याचापर्णेदुरितापहे। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१०॥ स्तुवद्भयोभक्तिपूर्वंत्वांचण्डिकेव्याधिनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥११॥ चण्डिकेसततंयुद्धेजयन्तिपापनाशिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१२॥ देहिसौभाग्यमारोग्यंदेहिदेविपरंसुखम्। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१३॥ विधेहिदेविकल्याणंविधेहिविपुलांश्रियम्। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१४॥ विधेहिद्विषतांनाशंविधेहिबलमुच्चकैः। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१५॥ सुरासुरशिरोरत्ननिघृष्टचरणेऽम्बिके। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१६॥ विद्यावन्तंयशस्वन्तंलक्ष्मीवन्तञ्चमांकुरु। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१७॥ देविप्रचण्डदोर्दण्डदैत्यदर्पनिषूदिनि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१८॥ प्रचण्डदैत्यदर्पघ्नेचण्डिकेप्रणतायमे। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥१९॥ चतुर्भुजेचतुर्वक्त्रसंस्तुतेपरमेश्वरि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२०॥ कृष्णेनसंस्तुतेदेविशश्वद्भक्त्यासदाम्बिके। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२१॥ हिमाचलसुतानाथसंस्तुतेपरमेश्वरि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२२॥ इन्द्राणीपतिसद्भावपूजितेपरमेश्वरि। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२३॥ देविभक्तजनोद्दामदत्तानन्दोदयेऽम्बिके। रूपंदेहिजयंदेहियशोदेहिद्विषोजहि॥२४॥…