मैं एक नदी हूँ। मेरा जन्म पर्वतों में हुआ था। वहाँ से निकलकर मैं नीचे की ओर बहती रही। जैसे-जैसे मैं आगे बढ़ती गई, मैं बड़ी और चौड़ी होती गई।
मैं एक लंबी यात्रा करती हूँ। मैं पहाड़ों से निकलकर मैदानों में आती हूँ। फिर मैं समुद्र में जा मिलती हूँ।
मैं अपने जीवन में बहुत कुछ देखती हूँ। मैं पहाड़ों की ऊँचाई और मैदानों की चौड़ाई देखती हूँ। मैं नदियों और झीलों से मिलती हूँ। मैं पेड़ों और पौधों को देखती हूँ। मैं जानवरों और पक्षियों को देखती हूँ। मैं लोगों को देखती हूँ।
मैं लोगों के लिए बहुत उपयोगी हूँ। मैं उनकी प्यास बुझाती हूँ। मैं उन्हें सिंचाई के लिए पानी देती हूँ। मैं बिजली उत्पादन में मदद करती हूँ। मैं मनोरंजन का साधन भी होती हूँ।
मैं बहुत खुश हूँ कि मैं एक नदी हूँ। मैं प्रकृति का एक सुंदर हिस्सा हूँ। मैं लोगों के लिए उपयोगी हूँ।
नदी के जीवन के विभिन्न चरण
नदी का जीवन विभिन्न चरणों में बँटा हुआ है। प्रत्येक चरण में नदी की अपनी विशेषताएँ होती हैं।
पहला चरण
नदी का पहला चरण उसका उद्गम स्थल है। यह वह स्थान है जहाँ से नदी निकलती है। उद्गम स्थल आमतौर पर पहाड़ों में होता है।
दूसरा चरण
नदी का दूसरा चरण उसका युवावस्था का चरण है। यह वह चरण है जब नदी अपनी यात्रा की शुरुआत करती है। इस चरण में नदी छोटी और तेज होती है।
तीसरा चरण
नदी का तीसरा चरण उसका परिपक्वता का चरण है। यह वह चरण है जब नदी अपनी यात्रा के मध्य में होती है। इस चरण में नदी बड़ी और चौड़ी होती है।
चौथा चरण
नदी का चौथा चरण उसका अंतिम चरण है। यह वह चरण है जब नदी समुद्र में जा मिलती है। इस चरण में नदी अपने उद्गम स्थल से बहुत दूर होती है।
नदी का महत्व
नदी का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। नदी हमें कई तरह से लाभ पहुँचाती है।
- नदी हमें पीने का पानी देती है।
- नदी हमें सिंचाई के लिए पानी देती है।
- नदी बिजली उत्पादन में मदद करती है।
- नदी मनोरंजन का साधन भी होती है।
- नदी हमारे पर्यावरण के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। नदी जल चक्र को बनाए रखने में मदद करती है। नदी हवा को शुद्ध करती है। नदी मिट्टी को कटाव से बचाती है।
नदी के संरक्षण की आवश्यकता
नदी हमारे लिए बहुत कीमती है। हमें नदी को संरक्षित करने की आवश्यकता है। हम नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रयास कर सकते हैं। हम नदी के किनारे पेड़ लगाकर उसे हरा-भरा रख सकते हैं। हम नदी के किनारे स्वच्छता बनाए रख सकते हैं।
यदि हम नदी का संरक्षण करेंगे, तो नदी हमें और आने वाली पीढ़ियों को लाभ पहुँचाती रहेगी।