स्कंद Sashti अगस्त 2021: महत्व, अनुष्ठान, तिथि और समय
स्कंद Sashti भगवान स्कंद या युद्ध के देवता को समर्पित है। उन्हें तमिलनाडु में भगवान कार्तिकेय और भगवान मुरुगन के नाम से जाना जाता है। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान मुरुगन की पूजा करने का यह मासिक पर्व है। भगवान स्कंद को कार्तिकेयन और सुब्रमण्य के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह दिन हर महीने शुक्ल पक्ष की साष्टी तिथि पर मनाया जाता है। दक्षिण भारत में भगवान स्कंद को भगवान गणेश का छोटा भाई माना जाता है और उत्तर भारत में ज्येष्ठ को ही माना जाता है।
स्कंद साश्ती अगस्त 2021 का महत्व:
स्कंद Sashti को कुमार साश्ती के नाम से भी जाना जाता है, जिसे भगवान कार्तिकेय की जयंती के रूप में चिह्नित किया जाता है । ऐसा माना जाता है कि भगवान मुरुगन ने वेल या लांस नाम के अपने हथियार का इस्तेमाल करते हुए सोरपदमैन दानव का सिर कटे। कटे पक्षी ने दो पक्षियों को जन्म दिया: एक मोर जो उनका वाहना बन गया और एक मुर्गा जो उनके झंडे पर प्रतीक बन गया ।
स्कंद षष्ठी अगस्त 2021 के अनुष्ठान:
- श्रद्धालु सुबह जल्दी उठ जाते हैं।
- दिन भर स्नान और व्रत करते हैं।
- यह व्रत सूर्योदय के समय शुरू होता है और अगली सुबह समाप्त होता है।
- श्रद्धालु अपनी पसंद के आधार पर पूरे दिन का उपवास या आंशिक उपवास मना सकते हैं।
- प्रसाद में तेल का दीपक, अगरबत्ती, फूल और कुमकुम बनाया जाता है।
- कुछ मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करते हैं
तिथि और समय:
- पर शुरू होता है: 13 अगस्त, 01:42 PM
- पर समाप्त होता है: 14 अगस्त, 11:50 AM